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जाति में शादी करने पर भी बहिष्कृत, अब मिलाना होगा महिला आयोग की खरी खरी


दुर्ग जिले के अंडा थाना अंतर्गत ग्राम चिरपोटी का सामाजिक बहिष्कार का एक मामला आज महिला आयोग की जनसुनवाई में सामने आया। इस दौरान खामेश्वरी साहू नामक प्रार्थी ने महिला आयोग में शिकायत की थी जिसके बाद आज महिला बाल विकास विभाग के प्रेरणा कक्ष में सुनवाई हुई इस दौरान उन्होंने बताया कि लगभग साढ़े 3 साल पहले उन्होंने गांव के ही लड़के से शादी किया था। इसके बाद अनावेदक साहू समाज के अध्यक्ष पुहुप राम एवं अन्य पदाधिकारी ने 51500 रुपए का अर्थ दंड (जिसे अब सहयोग राशि) लगाया था। डेढ़ साल बाद जब दंपति की बच्ची हुई तो बच्ची को देखकर दादा-दादी को प्रेम आ गया तो साहू समाज ने यह देखा तो प्रार्थी के सास ससुर पर भी 7500 रुपए का अर्थ दंड लगाया था।पीड़ित दंपत्ति

आज सुनवाई के दौरान आवेदक और अनावेदको को सुना गया अनावेदक द्वारा जो दलीलें दी जा रही थी उससे महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक संतुष्ट नहीं हुई और उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि आप किसी को बाध्य नहीं कर सकते अपनी इच्छा से बालिग व्यक्ति किसी से भी विवाह कर सकता है इसके लिए घर वालों की अनुमति भी जरूरी नहीं है। सामाजिक बहिष्कार के इस कृत्य को नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 की धारा 7 के तहत उल्लंघन करार दिया।

महिला आयोग की जन सुनवाई

उन्होंने 6 जुलाई शनिवार को गांव में समाज में मिलाए जाने की घोषणा अध्यक्ष के द्वारा किए जाने और नहीं मिलाए जाने की स्थिति पर अंडा थाने में एफआईआर दर्ज करने की बात कही है। इसके लिए प्रोटेक्शन ऑफिसर प्रीति बाला शर्मा और महिला आयोग की भी टीम से सदस्य जाएंगे इस दौरान पुलिस ऑफिसर भी मौजूद रहेंगे।
सुनवाई के दौरान कई प्रशिक्षु वकील भी मौजूद थे।

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Author: dhaaranews

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