पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव एक साथ होने की तमाम तरह की खबरें सामने आ रही है। लोगों में ऊहापोह की स्थिति है कि पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव एक साथ होंगे या जैसे पहले होता था वैसे ही होगा इस पर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही है।
इस बीच धारा न्यूज़ को खबर मिली है कि पंचायत चुनाव को ध्यान में रखते हुए कई जनप्रतिनिधियों ने मतदाता सूची में अभी से घालमेल करने की तैयारी कर रखी है जिनका नाम दूसरे वार्ड में है उनको दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है ऐसे में विरोधी व्यक्ति पंच चुनाव तक न जीत सके इसके लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है।
यह सब कुछ वर्तमान पदस्थ जनप्रतिनिधियों के इशारे और सहमति पर हो रहा है, और संबंधित अधिकारी भी उन्हें तरह-तरह के दिमाग दे रहे हैं।
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक दुर्ग जिले के लगभग सभी पंचायत में इस तरह की लीपापोती, और खेल जारी है ।
इसके लिए संबंधित मतदाता को सचेत रहना आवश्यक है और जरूरी है कि उसका नाम संबंधित वार्ड में ही रहे अन्यथा बेमन से दूसरों को वोट देना पड़ेगा, और अपने ही लोग एक दो वोट से चुनाव जीतने से चूक सकते हैं जैसा कि पहले भी होता रहा है हालांकि जिला प्रशासन इसके लिए मतदाता पुनरीक्षण, प्रकाशन, से लेकर दावा आपत्ति भी मांगती है लेकिन गांव में रहने वाला व्यक्ति पूर्व में हुए चुनाव में अपने नाम आ जाने से ही वह संतुष्ट हो जाता है कि मेरा नाम संबंधित मतदाता सूची में है। लेकिन कई जगहों पर मनमाना रवैया चल रहा है और संबंधितों के नाम को हटाकर विलोपित करना ताकि विपक्ष जीत ना सके। पिछले विधानसभा, लोकसभा चुनाव में भी कई लोगों के नाम गायब हुए थे कई मतदाता अपने मताधिकार से वंचित भी हो गए थे।
ऐसे में मतदाता को संबंधित मतदाता सूची के प्रकाशन पर नजर रखना चाहिए और अपना नाम संबंधित वार्ड में है या नहीं इसका अवलोकन पंचायत जाकर करना चाहिए फिर दावा आपत्ति करने के लिए तैयार रहना चाहिए। पंचायती राज चुनाव में एक एक वोट महत्वपूर्ण होता है कम मार्जिन से हारने और जीतने घमासान होता है। अभी आरक्षण प्रक्रिया आरंभ नहीं हुई है लेकिन जो व्यक्ति चुनाव लड़ना चाहते हैं उन दावेदारों को भी इस मतदाता सूची पर अपनी नजर बनाए रखनी चाहिए अन्यथा अंतिम प्रकाशन के बाद बदलाव करना संभव नहीं होता। ऐसे में चुनाव लड़ने से भी आप वंचित हो सकते हैं। वही 18 वर्ष पूर्ण कर चूके मतदाता को भी जागरूक रहने की जरूरत है उनका नाम उसी वार्ड में है या दूसरे वार्ड में जुड़ गया है यह भी देखना चाहिए।
बहरहाल नगरीय निकाय में इस तरह के खेल का अभी पता नहीं चल पाया है।