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पाकिस्तान की एक गलती ने भारत को दे दिया बड़ा मौका; इस चाइनीज फुस्‍स मिसाइल से चीन की तकनीक पर भारत को रिसर्च का मिला नया अवसर

नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारत को अपनी ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत को परखने और दुनिया के सामने उसकी श्रेष्ठता साबित करने का सुनहरा मौका मिला। ब्रह्मोस ने एक बार फिर दिखा दिया कि वह क्यों दुनिया की सबसे बेहतरीन सुपरसोनिक मिसाइलों में गिनी जाती है। दूसरी ओर, पाकिस्तान द्वारा उपयोग किए गए कई हथियारों ने भारतीय रक्षा अनुसंधान के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं।

बता दें कि, इन्हीं में से एक है चीन में बनी PL-15E मिसाइल, जिसका मलबा अब सिर्फ एक नमूना नहीं बल्कि एक संभावित तकनीकी खजाना बन चुका है। खास बात यह है कि यह मिसाइल पाकिस्तान के JF-10 फाइटर जेट से लॉन्च तो की गई थी, लेकिन लक्ष्य तक पहुंचने से पहले विस्फोट नहीं हो सकी। नतीजतन, पंजाब के होशियारपुर में यह मिसाइल लगभग सुरक्षित अवस्था में बरामद की गई है, जिससे भारतीय विशेषज्ञों को इसे बारीकी से जांचने का सुनहरा अवसर मिला है।

मिसाइल का पूरा मलबा किया गया बरामद
भारत को हाल ही में एक अहम रणनीतिक बढ़त मिलती दिखाई दे रही है। पंजाब के होशियारपुर में चीन की अत्याधुनिक PL-15E बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) का लगभग पूरा मलबा बरामद किया गया है। यह तीसरी बार है जब इस प्रकार की मिसाइल का मलबा भारत में मिला है। PL-15E को दुनिया की सबसे उन्नत एयर-टू-एयर मिसाइलों में से एक माना जाता है, जिसकी मारक क्षमता 145 किलोमीटर तक है।
वहीं विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत इस मिसाइल की रिवर्स इंजीनियरिंग कर चीन की तकनीक को समझने और उसका प्रभावी तोड़ विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठा सकता है। यहां तक कि अमेरिका भी इस मिसाइल का गहन अध्ययन करना चाहता है, जिससे इसकी सामरिक महत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है। यह बरामदगी भारत के लिए एक अहम तकनीकी अवसर साबित हो सकती है।

जानिये PL-15 E की विशेषता
प्रोपल्शन सिस्टम: मलबे में महत्वपूर्ण घटक जैसे कि प्रोपल्शन सिस्टम, डेटालिंक और इनर्शियल रेफरेंस यूनिट का अध्ययन किया जा सकता है।

सीकर सेक्शन: मलबे में मिसाइल का सीकर सेक्शन भी शामिल है, जो लक्ष्य को पहचानने और ट्रैक करने में मदद करता है।

सीरियल नंबर: मलबे पर सीरियल नंबर P15E12203023 और P15E12203039 पाए गए हैं, जो पहले बरामद किए गए मलबे के सीरियल नंबर से मेल खाते हैं।
लंबी दूरी के लक्ष्यीकरण: मिसाइल के प्रोपल्शन सिस्टम और डेटालिंक सिस्टम की बरामदगी से पता चलता है कि यह मिसाइल लंबी दूरी के लक्ष्यीकरण में सक्षम थी।

मध्य मार्गदर्शन: इनर्शियल रेफरेंस यूनिट की बरामदगी से पता चलता है कि मिसाइल मध्य मार्गदर्शन प्रणाली से लैस थी।

मिसाइल की डिज़ाइन और प्रौद्योगिकी: मलबे की बरामदगी से भारतीय अधिकारियों को PL-15E मिसाइल की डिज़ाइन और प्रौद्योगिकी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है।

पाकिस्तान के साथ तनाव: मलबे की बरामदगी पाकिस्तान के साथ बढ़ते सैन्य तनाव के बीच हुई है।

PAF का प्रयास: माना जा रहा है कि मलबा पाकिस्तान वायु सेना (PAF) के एक असफल प्रयास से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने नियंत्रण रेखा के पास भारतीय वायु सेना के विमानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी।

 

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Author: dhaaranews

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