शिक्षकों की टीम ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति, तीज त्यौहार, छत्तीसगढ़ी बोली भाषा की धरोहर को बनाए रखने के लिए किसने की जमीन की महत्व पर शिक्षक साहित्यकार सत्यजीत पुरकायस्थ ने कहानी लिखकर अपने शिक्षक साथी
छत्तीसगढ़ फिल्मी। छोटे से गांव से उठ का छालीलीवुड में कदम रखने वाली अभिनेत्री काजल पांडेय ने अपने अभिनय से एक बार फिर धूम मचा दिया है हाल ही में छत्तीसगढ़ी फिल्म देख झन फस जाबे में नजर आई जिसे इस फिल्म में छत्तीसगढ़ की संस्कृति, तीज त्यौहार,
छत्तीसगढ़ी बोली भाषा की धरोहर को बनाए रखने कोशिश की गई लोग काजल के अभिनय को बहुत पसंद कर रहे है। आपको बताना चाहे गए की काजल ने पहले भी कई एल्बम में और फिल्म कर चुकी हैं,चोर हिट रही है।
अभी हाल ही में 22 सितंबर को एक छत्तीसगढ़ी फिल्म रिलीज हुई जिसमें कलाकार निर्माता सह निर्माता एवं कहानीकार सभी शिक्षक हैं। विदित हो कि शिक्षकों की टीम ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति, तीज त्यौहार, छत्तीसगढ़ी बोली भाषा की धरोहर को बनाए रखने के लिए किसने की जमीन की महत्व पर शिक्षक साहित्यकार सत्यजीत पुरकायस्थ ने कहानी लिखकर अपने शिक्षक साथी दुष्यंत कश्यप, जमुना राजवाड़े को दिखाया, और देखते-देखते टीम तैयार हो गया। जिसमें देव पैंकरा, धर्मपाल, कैलाश चौधरी भूपेंद्र जायसवाल जैसे कई समर्थकों का
सहयोग मिला।
फि ल्म निर्मात्री शकुंतला कश्यप का निर्माता दुष्यंत कश्यप यशवंत राजवाड़े जमुना राजवाड़े और से के आर्थिक और मानसिक हर प्रकार के सहयोग से फि ल्म बनाने की जिम्मेदारी के लिए डायरेक्ट बीरबल पाणिग्रही को डायरेक्टर मनोज पांडे को सौंपा गया। आर्थिक, मानसिक परेशानियों का सामना करते हुए छत्तीसगढ़ की परंपरा भाखा बोली, तीज त्यौहार, किसानों का शोषण, अज्ञानता, अशिक्षा, शहर की चकाचक फौजी का कर्तव्य शिव मधुर संगीत और कॉमेडी से भरपूर फि ल्म देख झन फस जाबे बनकर तैयार हो गया।
22 सितंबर को रिलीज हुई फिल्म को देखने भारी बारिश में भी दर्शक उमड़ पड़े। निर्माता निर्देशक सहित फि ल्म के कलाकार राम यादव, संदीप त्रिपाठी, काजल पांडे, संध्या वर्मा, फि ल्म जगत के जाने-माने हस्ती पुष्पेंद्र भट्ट, पिंकी साहू और अन्य कलाकारों ने दर्शकों के साथ बैठकर फि ल्म दिखा। विकासखंड धरमजयगढ़ क्षेत्र से पहली फि ल्म लेखन कर सत्यजीत पुरकायस्थ ने अलग पहचान बनाई है।