- हाथ छाप भाजपाई से बचना बड़ी चुनौती
- दुर्ग ग्रामीण से ललित चंद्राकर की राहें कितनी आसान
भाजपा ने अपने विधानसभा की दूसरी सूची जारी कर दी है। दुर्ग ग्रामीण विधानसभा की बात करें तो यहां से ललित चंद्राकर जो बीजेपी के जिला महामंत्री हैं उसे भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है उनकी सीधी टक्कर संभवतः प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज से होने वाली है बहरहाल कांग्रेस ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। ललित चंद्राकर लगभग 20 – 25 सालों से दुर्ग जिले के राजनीति में सक्रिय रहे हैं।
दावेदारों को साधने से जीत होगी आसान
जानकारों की माने तो यहां पर एक दर्जन से ज्यादा दावेदार थे उसमें प्रमुख नाम पूर्व मंत्री रमशिला साहू,जागेश्वर साहू, 2008 के भाजपा प्रत्याशी रहे प्रितपाल बेलचंदन, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष माया बेलचंदन, मनोहर देवांगन, अजीत चंद्राकर मंडल के पदाधिकारी फत्ते वर्मा, गिरेश साहू, डॉ अनिल साहू सहित अन्य शामिल है। इस बीच ललित चंद्राकर का नाम सामने आया जो कि पिछले 3 विधानसभा से टिकट की होड़ में शामिल रहे। इस बार राह आसान नहीं है पहली बार टक्कर हो रही है वो भी सीधे गृहमंत्री से।
कांग्रेस के लिए क्षेत्र में एंटी इनकमबैंसी का माहौल तगड़ा है इसका फायदा तभी उठाया जा सकता है जब भाजपा अपने ही नेताओं को पार्टी के लिए काम करवा ले। दावेदार मन से अगर पार्टी के लिए भाजपा प्रत्याशी ललित चंद्राकर के लिए काम करेंगे तो उनकी जीत आसान हो सकती है इसके लिए उन दावेदारों को भी साधना बेहद आवश्यक है।
हाथ छाप भाजपाई और फूल छाप कांग्रेसी का रोल
राजनीतिक पंडितों का मानना है दुर्ग ग्रामीण में हाथ छाप भाजपाइयों और फूल छाप कांग्रेसियों के नाम से दोनों बड़े दलों के नेता बदनाम भी है, वे बड़ा रोल प्ले करते हैं। चुनावी नतीजे में उसकी झलक भी दिखती है। जब टिकट नहीं मिलती या कार्यकर्ताओ को अपने मनपसंद प्रत्याशियों को पार्टियां जब मौका नहीं देती तो पार्टी के विरुद्ध काम करने का पुराना इतिहास रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ललित चंद्राकर के साथ बीजेपी के बड़े नेता साथ आए तो उनके लिए राह बेहद आसान हो सकती है। फिलहाल कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू होते हैं या कोई और यह आने वाला वक्त बताएगा।