2 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार भरोसे की यात्रा निकाल रही है दुर्ग ग्रामीण में भी नगपुरा से शुरू होकर अंडा होते हुए रुआबांधा (रिसाली निगम क्षेत्र) पर यात्रा खत्म होगी।
इसके लिए लगातार बैठकों का दौर आज दिन भर जारी रहा। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है। यह आचार संहिता से पहले कांग्रेस की अंतिम वृहद यात्रा है गांधी जयंती पर हर साल लगभग आयोजन होता है लेकिन इस साल की यात्रा ज्यादा खास है।
एक नेता ने कांग्रेसियों को ही पूछा कांग्रेस पार्टी से ही हो ना
एक तरफ दूसरी पार्टी से कांग्रेस में शामिल होने का सिलसिला जारी है तो वहीं आज भरोसा यात्रा कार्यक्रम के तैयारी के पूर्व दिवस में ग्राम अंडा के रेस्ट हाउस में बैठक संपादित हुआ विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार इस बैठक में भारी बवाल मचा रहा दरअसल में एक नेता द्वारा सबको संबोधित करते हुए पूछ लिया कि सभी कांग्रेस पार्टी से ही होना तो एक कार्यकर्ता को बुरा लग गया, भरी सभा में उन्होंने बवाल काट लिया और कहा मैं दूसरी पार्टी से आया हूं इसलिए मुझे बोल रहे हो अपने शब्द वापस लीजिए।इस पर एक प्रभारी मंत्री के खास नेताजी को माफी तक मांगनी पड़ी।
कार्यक्रम की तैयारी की चर्चा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को सूचना नहीं मिलने पूछ परख नहीं होने जैसी बात , तो कोई कार्यकर्ता अपना दुखड़ा सुनाने लग गया। कुल मिलाकर कार्यकर्ता एक दूसरे को कार्यक्रम की आड़ में बवाल काटते रहे। और हो भी क्यों ना पूरे 5 सालों में संगठनात्मक तौर पर ढंग की बैठक भी नहीं हो पाई। संगठन के लोग व्हाट्सएप-व्हाट्सएप खेलते रहे। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी किसी विशेष निवास से ही संचालित होती रही जिसका परिणाम सामने दिख रहा है
बीजेपी के सोशल मीडिया प्रभारी ने लिखा “चरखो की अंतिम यात्रा”
दुर्ग ग्रामीण विधानसभा में सोशल मीडिया पर बीजेपी मुखर हो चुकी है सोशल मीडिया प्रभारी पूनम सपा ने लिखा है “कथाकथित बाबू जी की कृपा से दुर्ग ग्रामीण में चरखो की अंतिम यात्रा आयोजित है पिता दाल भात बटवाना चाहता था पर पुत्र खिचड़ी से काम चलाएगा।”
इस पोस्ट का अर्थ यही है कि इस यात्रा को भाजपा ने अंतिम यात्रा के रूप में लिखा है और वही कार्यक्रम में खिचड़ी बटेगी दाल भात नहीं कह कर भाजपा ने तंज कसा है।
वही किसान नेता ढालेश साहू ने भी इस यात्रा पर सवाल खड़ा किया है उन्होंने पूछा है कि “भरोसा यात्रा करने वाले वरिष्ठ मंत्री जी को खुद पर भरोसा नहीं है।”
उन्होंने कहा है कि हजारों करोड़ों रुपए के विकास कार्य करने के बाद भी भरोसा यात्रा करना पड़ रहा।उन्होंने PWD द्वारा विभिन्न सड़कों का निर्माण व चौड़ीकरण पर मुआवजा नहीं दिला पाने पर भी सवाल खड़े किए है।
वहीं सेवा सहकारी समितियों में निष्पक्ष चुनाव,आवास योजना के लाभ,पेंशनधारकों को प्रति माह ₹1500 पेंशन,मनरेगा मजदूरों को 150 दिन के काम,पूर्व निर्धारित बोनस राशि,शराबबंदी,अनियमित संविदा कर्मचारियो के नियमितीकरण के मुद्दे पर भी सवाल दागे है।