Gulab @ Risali
दुर्ग जिले में आचार संहिता की न सिर्फ धज्जियां उड़ रही है बल्कि सरकारी अधिकारी कांग्रेस सरकार के गुलामी में इतना अंधे हो चुके हैं कि निर्वाचन आयोग का क्या नियम कानून होता है यह सब अधिकारियों के लिए बेमानी हो गया है यहां अधिकारी कांग्रेस का प्रचार करने में लगी है। दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीना अभी तक रिसाली नगर निगम में आचार संहिता का आदर्श रूप से पालन नहीं करवा पा रहे हैं।
निर्वाचन आयोग आचार संहिता का परिपालन करने के लिए स्वयं पुष्पेंद्र मीना अधिकारियों की बैठक ले चुके हैं। उसके बाद भी रिसाली नगर निगम क्षेत्र में मरोदा, रिसाली, रूआबांधा सेक्टर एरिया सहित बहुत सारे इलाकों में अभी तक दीवारों में चिपके हुए पोस्टर में सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार दिख रहा है। कांग्रेस नेताओं के फोटो अभी तक नहीं ढके गए।
तो वहीं दुर्ग जिले के ग्रामीण इलाकों में भी कई जगहों पर पीडब्ल्यूडी द्वारा लगाए गए बोर्ड, बैनर, होर्डिंग, दिशा निर्देशों, गांव के नाम आदि के ऊपर पीडब्ल्यूडी मंत्री का फोटो लगा हुआ है वही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी फोटो साफ-साफ दिखाई दे रहा है।
कांग्रेस के एजेंट बनने का लग चुका है आरोप
रिसाली नगर निगम आयुक्त आशीष देवांगन पर भारतीय जनता पार्टी ने आचार संहिता से पहले हुए कई विरोध प्रदर्शनों में कांग्रेस सरकार के मंत्री ताम्रध्वज साहू और उनके पुत्र के इशारों में काम करने का आरोप भी लगाए गए।
आदर्श आचार संहिता लगने के बाद भी अभी तक रिसाली नगर निगम में निर्वाचन आयोग के नियमों की अवहेलना की जा रही है।
ऐसा ही हाल रहा तो कांग्रेस को यहां प्रचार करने की आवश्यकता नहीं है उनके प्रचार करने के लिए बाकायदा सरकारी तंत्र लगा हुआ है ऐसा यहां पर प्रतीत हो रहा है निर्वाचन आयोग इस मामले को अगर संज्ञान लेती है तो निश्चित रूप से रिसाली नगर निगम आयुक्त आशीष देवांगन के ऊपर कारवाई भी हो सकती है वहीं दुर्ग जिले के कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा का नियंत्रण लगभग समाप्त हो चुका है या कहें कि रिसाली नगर निगम के आयुक्त आशीष देवांगन पर नियंत्रण नहीं जिसके चलते निर्वाचन आयोग पुष्पेंद्र मीणा को जवाब तलब भी कर सकती है।