रायपुर। छत्तीसगढ़ में सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व में स्टेट कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय पत्रकारों के लिए भी लिया गया. अब आवास ऋण पर अनुदान मिलेगा. मुख्यमंत्री की घोषणा के परिपालन में पत्रकारों को नगर विकास योजना क्रमांक-4 कौशल्या माता विहार में मकान खरीदनें पर राज्य शासन की तरफ से 15 प्रतिशत की छूट प्रदान करने का निर्णय का अनुमोदन करते हुए इसके प्रथम स्टेज प्राक्कलन के अनुसार 309 पत्रकारों को दी जाने वाली छूट की राशि 6 करोड़ 37 लाख 20 हजार 450 रूपए रायपुर विकास प्राधिकरण को स्वीकृत किया गया. इसी तरह कई अन्य निर्णय लिए गए हैं.
पत्रकारों के आवास अनुदान में ये हैं खास
जनसंपर्क विभाग द्वारा ‘श्री ललित सुरजन संचार प्रतिनिधि आवास ऋण ब्याज अनुदान योजना’ राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई है. योजना अंतर्गत 30 लाख तक के आवास ऋण के लिए 5 प्रतिशत प्रतिमाह ब्याज अनुदान 5 वर्षों तक दिया जाएगा. यह योजना एक अप्रैल 2023 के बाद से क्रय मकान पर प्रभावशील होगी.
योजना का लाभ केवल आवासीय ऋण पर दिया जाएगा तथा क्रय किया जाने वाला मकान छत्तीसगढ़ राज्य के भीतर होना चाहिए. ब्याज अनुदान अधिकतम 30 लाख रुपये के आवास ऋण की सीमा तक दिया जाएगा. राष्ट्रीयकृत बैंकों, रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया से अधिसूचित वित्तीय संस्थानों एवं सहकारी बैंकों से लिए गए आवास ऋण पर प्रतिमाह 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान 5 वर्षों तक दिया जाएगा.
योजना का लाभ न्यूनतम 5 वर्ष से छत्तीसगढ़ में निवास कर दैनिक समाचार तथा टी.वी. न्यूज चैनल्स में पंजीकृत समाचार एजेंसियों के सम्पादकीय शाखा में कार्य कर रहे पूर्णकालिक तथा अंशकालिक संचार प्रतिनिधि तथा अधिमान्यता नियमों की अर्हतादायी शर्तों को पूरा करने वाले न्यूज पोर्टल्स के सम्पादक एवं स्वतंत्र पत्रकार ले सकेंगे. संचार प्रतिनिधि स्वयं या पत्नी के साथ संयुक्त नाम से आवास ऋण लें तभी पात्रता. पूर्व से अपने या पत्नी के स्वामित्व का मकान योजना लागू होने के बाद अवयस्क/वयस्क संतान को अंतरित कर नया आवास लेने की दशा में योजना का लाभ नहीं मिलेगा. पूर्व से स्वीकृत आवास ऋण पटाकर नए आवास ऋण प्राप्त करने पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
संचार प्रतिनिधियों द्वारा नियमित ऋण और ब्याज अदायगी करने पर ही इस योजना का लाभ मिलेगा, डिफॉल्टर होने की स्थिति में पात्रता समाप्त.
योजना में पात्रता के लिए स्वयं अथवा पत्नी, आश्रित पुत्र-पुत्री के नाम से कोई अन्य आवासीय भवन नहीं होना चाहिए. इस आशय का शपथ-पत्र देना होगा.