रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में प्रदेश की सिंचाई परियोजनाओं की गहन समीक्षा की। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि मौजूदा परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि फील्ड विजिट नियमित रूप से हों और यह सुनिश्चित किया जाए कि जल का अपव्यय न हो और कृषि में इसका अधिकतम उपयोग हो।
मुख्यमंत्री ने सभी बांधों की जल भराव क्षमता, वर्तमान सिंचाई स्थिति और नई परियोजनाओं की प्रगति पर रिपोर्ट मांगी। उन्होंने सुझाव दिया कि नहरों में जल नुकसान को रोकने के लिए आधुनिक तकनीकों और अंडरग्राउंड पाइपलाइन व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि योजनागत सिंचाई क्षमता और वास्तविक लाभ में जो अंतर है, उसे कम करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। विशेष रूप से बस्तर और सरगुजा में अधूरी योजनाओं को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
बड़ी निर्माणाधीन परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने पर भी मुख्यमंत्री ने जोर दिया, ताकि किसानों को समय पर लाभ मिल सके। उन्होंने भारत सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए आवश्यक प्रस्ताव शीघ्र तैयार करने को कहा। साथ ही, राज्य के 26 ऐसे विकासखंड जो भू-जल की दृष्टि से क्रिटिकल या सेमी क्रिटिकल घोषित हैं, वहां नई परियोजनाएं शुरू करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
इस बैठक में जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव सुबोध सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
