कहते हैं विकास के लिए थोड़ी असुविधा तो होगी ही किंतु दुर्ग के लेकिन यहां असुविधा नहीं मौत का इंतजाम किया जा रहा है।
बता दें कि चंदखुरी व हनौदा जहां से भारत माला परियोजना अन्तर्गत सड़क निर्माण हो रहा है- जो MBPL कंपनी द्वारा बनाया जा रहा है ।
जहां पंचायत प्रस्ताव लेकर ठेकेदार तालाब और नाले को जानलेवा खाई में तब्दील किया जा रहा है।
जानकारी अनुसार सड़क निर्माण में बेस हेतु मुरम व मलमा लगभग 5 cbr का प्रयोग किया जाना होता है –
मुरम खनन के लिए बाक़ायदा पंचायत प्रस्ताव तहसीलदार का प्रतिवेदन, खनिज विभाग की अनुमति व रॉयल्टी जारी करवाना होता है जिसमे लाखों का रॉयल्टी शासन को प्राप्त होता है किन्तु केवल सरपंच सचिव से साँठ गाँठ करके चंदखुरी व हनोदा के तालाबों को खोदकर करोड़ों का मुरम बिना अनुमति अवैध रूप से खनन कर जानलेवा गड्ढों में तब्दील करके ठेकेदार द्वारा सड़क में उपयोग कर लिया गया ।
तालाब से मन नहीं भरा तो नाला जो चंदखुरी व हनोदा को जोड़ने वाले नाले को भारी भरकम खोदकर बांध जैसा बना दिया ।
बता दें उक्त तालाबों में कुछ ही समय पहले समतलीकरण हेतु MNREGA से लाखों रुपए का निर्माण कार्य गया था वहाँ तालाब खोदकर उसके स्वरूप को बिगाड़ दिया गया है ! शासन द्वारा ज़िला पंचायत व जनपद से लाखों के कार्य MNREGA से करवाया वो व्यर्थ हो गया लेकिन ज़िला पंचायत के निष्क्रिय अधिकारीयो ने लाभार्जन की प्रत्याशा से आँख में पट्टी बांध रखी है यह स्पष्ट प्रमाणित होता है !!
साथ ही ज़िला खनिज विभाग व पंचायत जिसके बिना मौन मिलीभगत के यह कार्य संभव ही नहीं है – उस पर कार्यवाही हेतु ग्रामीणों ने ज़िलाधीश को ज्ञापन भी दिया है पर आज दिनांक तक कार्यवाही शून्य है।
सूत्र व कुछ पंचायत प्रतिनिधियों ने नाम न लिखने ली शर्त में यह बताया कि ज़िला पंचायत के किसी बड़े अधिकारी के बोलने से प्रस्ताव व खनन करवाया गया है जिसके लिये प्रति तालाब 50 हज़ार अनाधिकारिक रूप से पंचायत प्रतिनिधियों को प्राप्त हुए हैं ! हम इस बात की पुष्टि बिलकुल भी नहीं करते।
किंतु बिना आग के धुंआ नहीं निकलता ये कहावत भी चरितार्थ होती है क्योंकि न पंचायत प्रतिनिधि न ज़िला पंचायत न खनिज विभाग न ज़िला प्रशासन के किसी अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है!!
ग्रामीण शिकायतकर्ताओ का आरोप यह भी है कि संभवतः भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने इनसे चुनावी चंदा वसूल लिया इसलिए कार्यवाही नहीं की जा रही है – आचार संहिता के पश्चात शीघ्र खनिज कार्यालय का घेराव किए जाने की चर्चा है।