आज 21 सितंबर, 2025 रविवार, के दिन आश्विन महीने की अमावस्या तिथि है. इसे अंधकार का दिन कहा जाता है. माता काली इस दिन पर शासन करती है. ध्यान करने, लोगों को दान करने और जानवरों को खिलाने के साथ पूर्वजों की पूजा करने का यह एक सबसे अच्छा दिन है. इस दिन विवाह समारोह या कोई नई शुरुआत नहीं करनी चाहिए. बल्कि, नई शुरुआत के लिए चंद्रोदय की प्रतीक्षा करें. आज सर्व पितृ अमावस्या है. इसे दर्श अमावस्या भी कहते हैं.
21 सितंबर का पंचांग
- विक्रम संवत : 2081
- मास : आश्विन
- पक्ष : अमावस्या
- दिन : रविवार
- तिथि : अमावस्या
- योग : शुभ
- नक्षत्र : पूर्वाफाल्गुनी
- करण : चतुष्पाद
- चंद्र राशि : सिंह
- सूर्य राशि : कन्या
- सूर्योदय : सुबह 06:27 बजे
- सूर्यास्त : शाम 06:37 बजे
- चंद्रोदय : चंद्रोदय नहीं
- चंद्रास्त : शाम 06.03 बजे
- राहुकाल : 17:06 से 18:37
- यमगंड : 12:32 से 14:03
नई ज्वेलरी पहनने के लिए शुभ है नक्षत्र
आज के दिन चंद्रमा सिंह राशि और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में रहेंगे. इस नक्षत्र का विस्तार सिंह राशि में 13:20′ से 26:40 डिग्री तक फैला है. इसके देवता भगवान शिव और शासक ग्रह शुक्र हैं. इसे शुभ नक्षत्र माना जाता है. भगवान की उपासना करने, विलासिता की वस्तुएं खरीदने के अलावा नए परिधान या ज्वेलरी पहनने के लिए यह नक्षत्र शुभ है.
आज के दिन का वर्जित समय
आज के दिन 17:06 से 18:37 बजे तक राहुकाल रहेगा. ऐसे में कोई शुभ कार्य करना हो, तो इस अवधि से परहेज करना ही अच्छा रहेगा. इसी तरह यमगंड, गुलिक, दुमुहूर्त और वर्ज्यम् से भी परहेज करना चाहिए.
