जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में आज ग्राम चिंगरी के आधा दर्जन युवक अपनी मांगों को लेकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर बैठ गए। इस दौरान सभी के हाथों में तख्ती था। जिसमें पंचायत बॉडी को भंग करने की मांग, सरपंच सचिव को बर्खास्त करने, सरकारी जमीन के कब्जा हटाने और गांव में भारत का कानून लागू करने और तहसीलदार के आदेश का पालन कौन करेगा जैसे शब्द लिखे थे।
आधा घंटा प्रदर्शन करने के बाद अपर कलेक्टर दुबे ने युवकों की बातें सुनी गई इस पर एसडीएम मुकेश रावटे को एक्शन लेने और उनसे मिलने कहा गया। तहसील कार्यालय में एसडीएम कोर्ट में पेशी लगी थी इस दौरान भी तहसील परिसर में तख्ती लेकर वहीं युवक बैठे थे।
मामला क्या था*
युवको ने बताया कि गांव में बेदर्दी से अवैध कब्जे हो रहे हैं और सरकारी जगह का लेनदेन भी हो रहा है जिसको लेकर पूर्व में जून 2020 में 13 लोगों के कब्जे हटाने के लिए पंचायत प्रस्ताव हुआ था, इसके बाद वाले बैठक में इस प्रस्ताव को तोड़ मरोड़ कर कुछ लोगों के नाम हटा दिए गए हैं। सूचना के अधिकार के तहत मिले दस्तावेजों में यह प्रमाण मौजूद है कि पंचायत सचिव सरपंच और पंचायत बॉडी द्वारा अवैध कब्जा हटाने को लेकर कोई तत्परता नहीं दिखाई गई है यहां तक की तहसील न्यायालय के आदेशों का भी पालन नहीं करवाया गया पंचायत सचिव का बयान है कि यह व्यक्तिगत मामला है इसको लेकर युवक भड़क गए और कहा कि उक्त आदेश न्यायालय ने सरकारी संस्था पंचायत को दिया था व्यक्तिगत कैसे हो सकता है। युवकों का आरोप है कि मात्र नोटिस देकर खाना पूर्ति की जा रही है और न्यायालय के आदेशों की अवहेलना पंचायत बॉडी कर रही है इसके सारे साक्ष्य संबंधित मजिस्ट्रेट को उपलब्ध कराया गया। इस पर कब्जा हटाने की तारीख निर्धारित करने की बात तय हुई। तब युवक माने। प्रदर्शन करने वालों में गुलाब देशमुख, उपेंद्र देशमुख, खोमेंद्र, लेखराम व नवीन जालेंद शामिल रहे।
फर्जी लेटर पैड को लेकर न्यायालय हुआ अवगत
इस मामले में एक गंभीर प्रकरण जुड़ा हुआ है फर्जी लेटर पैड का जिसे सचिव कुलेश्वर प्रसाद साहू ने अंडा पंचायत को जारी किया था पूरे मामले में युवको द्वारा बताया गया कि सचिव कुलेश्वर साहू ने पूर्व में फर्जी एनओसी जारी किया गया था, जो अंडा पंचायत को मिला ही नहीं, क्योंकि अंडा पंचायत ने कभी एनओसी मांगा ही नहीं। उसी एनओसी को अवैध कब्जाधारी ने उपयोग किया है। इसके लिए पंचायत सचिव पर भी एफआईआर की मांग युवकों ने की है।
बहरहाल मामले में यह देखना जरूरी होगा की कार्रवाई होती है या नहीं लेकिन ग्रामीण युवक किसी भी हाल में कार्रवाई चाहते हैं, आगामी दिनों में प्रदर्शन भी देखने को मिल सकता है।