दुर्ग जिले में माइनिंग विभाग के अधिकारी दीपक मिश्रा के अनुसार 80 जगह पर मुरूम परिवहन के लिए लीज दी गई है। इसी कड़ी में साजा विधानसभा अंतर्गत ग्राम बड़े टेमरी में सिंचाई विभाग के बांध में भी नियमों को ताक में रखकर खनन परिवहन की आड़ में शासकीय बांध को खोद कर मुरम बेचा जा रहा है
व स्टॉक परिवहन के नाम पर अवैध खनन किया जा रहा है ।
इस संबंध में युवा कांग्रेस के महासचिव रामा वर्मा ने व अन्य कार्यकर्ताओं ने साथ मिलकर सोमवार को कलेक्टर को अवगत कराया है और शिकायत दर्ज कराई है। इस संबंध में उन्होंने मीडिया को बताया कि ग्राम पंचायत सरपंच द्वारा एनओसी जारी कर दिया गया है जबकि बांध सिंचाई विभाग की है। ना उसके पार में मुरम है ना वहां पर कोई इकट्ठा किया गया और न ही अलग से मुरूम है।
बांध के स्वरूप में छेड़खानी कर खोद दिया गया है ,जबकि सिंचाई विभाग स्वरूप को बदलने, खनन आदि के लिए कोई अनुमति ठेकेदार व खनिज विभाग को प्राप्त नहीं है।
मौके के निरीक्षण करने पर यह पता चला कि बांध में खुदाई की जा रही है जो कि अवैध तरीके से किसी प्रदीप कुमार मांडिया नामक व्यक्ति द्वारा चैन माउंटिंग मशीन लगाकर मुरूम खनन कर परिवहन किया जा रहा है। जानकारी अनुसार माइनिंग विभाग एकत्रित मुरूम का ही परिवहन की अनुमति एवं लीज देता है लेकिन अवैध खनन कर बड़े पैमाने पर मुरूम शहरो कस्बों में खपाई जा रही है। बड़े गड्ढे होने से दुर्घटना का भी अंदेशा है।सवाल यहां पर यह भी है कि सिंचाई विभाग की जमीन पर पंचायत विभाग कैसे खनन व परिवहन एनओसी दे सकता है – जिससे पंचायत की भूमिका संदिग्ध है ।
इस मामले में मुरूम माफियाओं से सिंचाई विभाग पंचायत प्रशासन और माइनिंग विभाग की भी संलिप्तता प्रमाणित होती है -बहरहाल खनन किए क्षेत्र पर कितने का पेनल्टी बनेगा व ईरिगेशन विभाग ठेकेदार के ऊपर कब एफआईआर करवाएगा यह भविष्य की गर्भ में छुपा हुआ है ।
किंतु पैसे कमाने व चहेते ठेकेदारो को अवैध तरीक़े से लाभ दिलाने प्रशासन कितना गंभीर है इस कृत्य से प्रमाणित होता है ।