(विशेष संवाददाता)
31 अक्टूबर को पूरे दुर्ग भिलाई में दिवाली मनाई गई इस मौके पर जगह जगह खूब पटाखे फोड़े गए. यह एक ऐसा पर्व है जहां लोग हफ्ते भर पटाखे फोड़ते हैं।
ट्विन सिटी में रात भर पटाखों की आवाज से पूरा शहर गूंजता रहा इस दौरान शहर के वातावरण में खूब प्रदूषण देखा गया। एयर क्वालिटी का स्तर फिलहाल सुबह 250 से भी नीचे पहुंच गया।
त्यौहार के मौके पर लोग तरह-तरह के ज्ञान बांटते हैं। इसमें लोग कहते हैं कि इस त्यौहार में कोई पटाखों पर ज्ञान नहीं पेलेगा,कोई डिस्टरबेंस नहीं , सोशल मीडिया में लोग कुत्तों से तुलना कर रहे शायद इसी प्रेरणा से भी लोगों ने खूब पटाखे फोड़े, इको फ्रेंडली फटाके शायद दुकानों में मौजूद ही नहीं है या लोगों तक पहुंच ही नहीं पाई।
30 करोड़ से ज्यादा के पटाखे फूटे
लक्ष्मी पूजा शुरू होने से पहले ही शहर में करोड रुपए के पटाखे फोड़ दिए गए वही रात भर यह सिलसिला चलता रहा सुबह जब हमने शहर के एयर क्वालिटी देखी तो गई 250 से भी कम देखी गई। जो बहुत ही खराब है।
शहर का पापुलेशन 13 लाख से भी ज्यादा है।
एक ताजा अनुमान के मुताबिक यदि 3 लाख लोगों ने ₹1000 के भी पटाखे फोड़े होंगे तो यह आंकड़ा 30 करोड़ होता है 10 लाख लोगों ने यदि पटाखे नहीं फोड़े होंगे तो भी ट्विन सिटी में 25 करोड रुपए से ज्यादा के पटाखे फोड़ दिए गए। पटाखों से निकलने वाले जहरीले धुएं से वातावरण प्रदूषित हुआ है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
ट्विन सिटी में सबसे ज्यादा पेड़ पौधे फिर भी एयर क्वालिटी खराब
वह दिन दूर नहीं जब लोगबाग शहर की हवा में ढंग की सांस नहीं ले पाएंगे, शहर में सबसे ज्यादा पेड़ पौधे हैं कई उद्यान, पार्क से लेकर नर्सरी भी है। भिलाई स्टील प्लांट जैसा कारखाना है उसके बावजूद इस स्तर पर एयर क्वालिटी खराब नहीं होती है लेकिन एक दिन में फोड़े गए पटाखों ने पूरी हवा को ही प्रदूषित कर दिया। पर्यावरण मंडल के द्वारा समय-समय में इस तरह की जानकारी होर्डिंग एवं विज्ञापनों से प्रदर्शित कर पर्यावरण का संरक्षण करने संदेश जारी किया जाता है लेकिन यह सब हाथी के दांत ही साबित हुए हैं अभी भी इस सभ्य समाज में जन जागरूकता की आवश्यकता है।