शासन की जनकल्याणकारी योजनाओ और मनरेगा के नियम व प्रावधानों के विपरीत कार्य करते हुए घोर लापरवाही बरते जाने को लेकर फर्जी मास्टर रोल तैयार कर शासन से मिलने वाली मनरेगा की राशि का गबन करने का कृत्य करने के कारण यह निर्णय पारित हुआ है।
विदित हो कि मनरेगा अंतर्गत 105000 की लगभग राशि का गबन का प्रमाण मिला था जिसमें सरपंच, सचिव रोजगार सहायक को बराबर बराबर सरकारी खाते में जमा करने कहा गया था। जिसमें सरपंच ने 35000 रुपए के आसपास की राशि शासकीय खाते में जमा कराई थी इसी को आधार मानकर सरपंच घसियाराम के विरुद्ध आवेदक भूपेंद्र बेलचंदन एवं अन्य के प्रकरण की सुनवाई करते हुए एसडीएम कोर्ट ने सरपंच घसियाराम देशमुख को बर्खास्त करते हुए 6 साल के लिए अयोग्य ठहरा दिया है अर्थात इस दौरान वे कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकते। भाजपा शासन काल में दुर्ग जनपद अंतर्गत यह पहला मामला है जिसमें कोई सरपंच बर्खास्त हुआ है। हालांकि 6 महीने के बाद पुनः पंचायत चुनाव होना है। यह बताना लाजमी होगा कि पंचायत के रोजगार सहायक राजू देशमुख को पूर्व में ही बर्खास्त कर दिया गया था।