Dhaara News

रिसाली निगम में महापौर सहित किनकी हो रही उपेक्षा पढ़े पूरी खबर


गुलाब देशमुख @ आलेख

दुर्ग ग्रामीण विधानसभा के इकलौते निगम रिसाली के कांग्रेस संगठन के साथ कुछ गलत हो रहा है या गलत किया जा रहा है। इस सवाल का जवाब जनता ढूंढ़ रही है। अभी हाल ही में रिसाली कांग्रेस परिवार नाम से एक प्रमुख समाचार पत्र में ऐड (विज्ञापन) दिया गया था जिसमें गृहमंत्री के परिवार के लगभग सभी राजनीतिक व्यक्ति शामिल रहे लेकिन उस कांग्रेस परिवार में रिसाली निगम की महापौर शशि सिन्हा व सभापति केशव बंछोर का फोटो नहीं था।
वही साल भर पहले पद पाकर कांग्रेस में शामिल हुए लोगों की फुल फॉर्म में फोटो डाला गया है।
उस फोटो में परिवारवाद की झलक दिख रही है लेकिन संगठन और सत्ता के बीच एक बड़ा गेप भी दिख रहा है। और ब्लॉक अध्यक्ष का भी फोटो गायब है।

भिलाई निगम में एमआईसी सदस्य रह चुके हैं बंछोर
सबको विदित है कि भिलाई निगम से अलग होकर रिसाली निगम बनाया गया है जिसमें गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू जी का बड़ा योगदान है लेकिन भिलाई निगम को अलग करने को लेकर पूर्व एमआईसी मेंबर नरेश कोठारी व केशव बंछोर की रिसाली निगम अलग करने के लिए विधायक व तात्कालिक महापौर देवेंद्र यादव से भी तनातनी हो गई थी उसके बाद रिसाली निगम के सभापति के तौर पर केशव बंछोर चुने गए। वे एक प्रबल दावेदार भी थे और जहां तक गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू की पसंद में से एक थी।

रिसाली महोत्सव के बैनर पोस्टर मे भी सभापति, महापौर कई जगह गायब*
अभी बीते 26 दिसंबर को रिसाली महोत्सव मनाया गया जिसके लिए बैनर पोस्टर जगह-जगह लगाए गए। इस दौरान रिसाली के कृष्णा टॉकीज रोड पर आजाद चौक सहित कई जगह एम आई सी मेंबर, पार्षद द्वारा लगाए बैनर पोस्टर में भी सभापति केशव बंछोर व महापौर शशि सिन्हा नहीं थे।

गुटबाजी कहे या कुछ और…
आपको बता दें कि रिसाली क्षेत्र कांग्रेस पार्टी का गढ़ रहा है यहां के वार्डो में कांग्रेस के ही ज्यादातर पार्षद बनते आए हैं लेकिन, 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले रिसाली निगम कांग्रेस पार्टी के लिए किसी सिरदर्द से कम नहीं होगा। क्योंकि एमआईसी मेंबर सहित कुछ पार्षद गुटीय तौर पर काम कर रहे हैं, पार्षद से लेकर एल्डरमैन ठेकेदारी में लगे हैं, इसे नकारा नहीं जा सकता। और यह बातें संगठन और जनप्रतिनिधियों को भी भली-भांति पता है। रिसाली महोत्सव के दौरान इसी गुटबाजी के कारण भीड़ नहीं जुटाई जा सकी है, और यह दबी जुबान से हर कोई स्वीकार रहा है।
इन सबसे आखिर नुकसान किसको ??
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले एक एमआईसी मेंबर द्वारा निगम में गाली गलौज की गई थी जिस पर बैठक हो गई और प्रदेश स्तर पर मैसेज आने के कारण उन्हें हटाया भी गया लेकिन इस तरीके से गुटबाजी हो रही है उस पर कोई लगाम नहीं लगाई जा रही है जिसका नुकसान 2023 के विधानसभा में देखा जाएगा।
आखिर इस तरीके की विज्ञापन व बैनर, पोस्टर पर एच एम हाउस संज्ञान नहीं ले रहा है या स्वयं इसके वे सूत्रधार है यह सवालों के घेरे में है।
बहरहाल भारतीय जनता पार्टी अभी तक नेता प्रतिपक्ष रिसाली निगम में चयन नहीं कर पाई है। और गुटबाजी में शायद अपना भविष्य देख रही है।

(नोट- ये अभिव्यक्ति व विचारों की स्वतंत्रता के आधार पर लिखे गए हैं।)

dhaaranews
Author: dhaaranews

Facebook
Twitter
WhatsApp
Reddit
Telegram

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमसे जुड़े

Weather Forecast

DELHI WEATHER

Gold & Silver Price

पंचांग