गुलाब @ दुर्ग
दुर्ग जिले के ग्राम रसमड़ा में कंपनियों से निकलने वाले काले धुओं व डस्ट से पिछले कई समय से पूरी आबादी त्रस्त है। रसमड़ा में कम्पनियों के द्वारा तैयार किए गए पर्यावरण प्रदूषण से लेकर रोजगार देने में सौतेले व्यवहार व सीएसआर मद की राशि का बंदरबांट का जो षड्यंत्र रचा गया है जिससे पूरा ग्राम आक्रोशित है। कंपनियों ने गांव में प्रदूषण छोड़ना शुरू किया तो गांव के ग्रामीणों ने कभी कलेक्ट्रेट घेराव तो कभी ज्ञापन सौंपने का काम विभिन्न स्तरों पर करती रही है लेकिन उद्योग विभाग के अफसर जिला प्रशासन के अधिकारी टालमटोल करते रहे हैं। मुख्यमंत्री, गृह मंत्री के नाम ज्ञापन भी इस बीच सौंपे गए। कई दौर की बैठकों का दौर भी चला है लेकिन हुए निर्णय ऊपर कभी पालन नहीं हो पाया।
इस बैठक में क्या हुआ
बीते हफ्ते ग्रामीणों ने प्रदूषण को लेकर बिना आवेदन एकेबिएन चौक पर चक्काजाम किया गया था। ग्रामीणों को गिरफ्तार कर सशर्त छोड़ दिया गया। इस बीच बैठक के लिए मंगलवार तय हुआ लेकिन किसी कारण वश बुधवार को बैठक हुई जिसमें क्षेत्र के विधायक व गृहमंत्री इस बैठक में शामिल हुए और अफसरों को पूछा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए कंपनियों में मशीनों का क्या इंतजाम है यह कब तक ठीक कर लिया जाएगा सीएसआर मद के राशि से किए गए विकास कार्यों का पिछले 5 सालों का हिसाब मांगा गया है, तो वही नौकरी के विषय पर भी चर्चा की गई, वृक्षारोपण सहित अन्य मुद्दों पर भी उन्होंने चर्चा की।अफसर जवाब देते रहे और नियंत्रण का आश्वासन भी दिया गया। उक्त बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष शालिनी यादव, जनपद अध्यक्ष देवेंद्र देशमुख,सरपंच ममता साहू, जनपद सदस्य अजय वैष्णव, उपसरपंच नंदकुमार साहू सहित ग्रामीण जन प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। उद्योगों के मालिक भी इस बैठक में मौजूद रहे।
अब आगे यह सवाल है?
पिछले 4 वर्षों के अपने कार्यकाल में पहली बार मंत्री ने इतनी गंभीरता से कलेक्ट्रेट में रसमड़ा मसले पर बैठक ली। यह उन्हीं का विधानसभा क्षेत्र है। गृहमंत्री के समक्ष यह मुद्दा कई बार उठ चुका है उनके ही समर्थक प्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे को अलग-अलग जगह पर रखा है लेकिन पहली बार गृह मंत्री की अध्यक्षता में बैठक हुई हैं और सारे विभाग के अधिकारी पहुंचते हैं और सब कुछ ठीक हो जाएगा इसका आश्वासन भी मिल जाता है। ऐसा पहली बार हुआ जब ग्राम की सरपंच ममता साहू कलेक्टर से सीधे मिली है और अपनी बात रख पाई है।
क्या ये आश्वासन चुनावी है ?
अब यहां प्रश्न उठना लाजमी है कि बीते 4 वर्षों के अपने शासनकाल में आखिर ध्यान क्यों नहीं दिया। इस वर्ष चुनाव हैं तो चुनाव के मद्देनजर क्या जिला प्रशासन के अधिकारी मिलकर इस प्रदूषण का रोकथाम करेंगे।
वर्तमान में कंपनियों द्वारा निकाले गए काले डस्ट पर क्या कार्रवाई हुई इस पर भी अंधेरे में रखा गया है, ग्रामीण अपने घरों में इस प्रदूषण की कालिख को झाड़ू लगाते फोटो शेयर किए हैं।
अब
उक्त प्रदूषण के मसले पर क्या भविष्य में चक्का जाम की आवश्यकता नहीं पड़ेगी या धूल डस्ट व अन्य परेशानियों से मुक्ति मिल जाएगी।
धारा न्यूज़ बहुत लंबे समय से इस मामले को आम जन मानस की आवाज बनकर जनप्रतिनिधियों व शासन प्रशासन के बीच बेबाकी से उठाता रहा है। अधिक जानने के लिए जुड़े रहे धारा न्यूज़ नेटवर्क से।