बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में करंट हादसे ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। खेत और आंगनबाड़ी में करंट लगने से दो मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। सोमवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान शासन ने कोर्ट को बताया कि एक बच्चे के परिजन को 4 लाख और दूसरे को 1 लाख रुपए मुआवजा दिया गया है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने शनिवार को अवकाश के दिन भी इस मामले का संज्ञान लिया था। कोर्ट ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन को नोटिस जारी करते हुए कहा कि केवल कर्मचारियों को निलंबित करना पर्याप्त नहीं है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार को ठोस नीति और कार्ययोजना तैयार करनी होगी।
पहली घटना गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के करगीकला गांव की है, जहां 6 वर्षीय बच्चा खेत के पास खेलते समय करंट की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई। दूसरी घटना कोंडागांव जिले की है, जहां आंगनबाड़ी में ढाई साल की बच्ची महेश्वरी यादव करंट की वजह से जान गंवा बैठी।
कोर्ट ने साफ कहा कि छत्तीसगढ़ करंट हादसा जैसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, खासकर खेतों में बाड़ पर करंट लगाने से इंसान, पशु और वन्यजीव सभी प्रभावित हो रहे हैं। बरसात के मौसम में स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है क्योंकि पानी भरने से पूरा इलाका करंट की चपेट में आ सकता है।
