श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग के कुलपति कर्नल (डॉ.) एन.पी. दक्षिणकर के मार्गदर्शन में पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा के अधिष्ठाता डॉ.एस.के.तिवारी एवं निदेशक शिक्षण डॉ.एस.पी.इंगोले के कुशल नेतृत्व में दिनांक 20 अप्रैल को रिसेंट एडवांस एंड डायग्नोस्टिक थेरेपेयूटीसी एंड न्यूट्रीशनल मैनेजमेंट आफ कैनाइन विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के योजना नीति कृषि एवं ग्रामीण विकास सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा एवं श्री क्षितिज चंद्राकर प्रोफेशनल कांग्रेस छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष, इंडियन सोसायटी फॉर एंडवांसमेंट ऑफ कैनाइन प्रैक्टिस के जनरल सेक्रेटरी प्रो.ए.के.श्रीवास्तव, प्रो.नरेश एच.केलावाला, कुलपति कामधेनु विश्वविद्यालय, गांधीनगर गुजरात के विशिष्ट आतिथ्य में संपन्न हुआ। यह संगोष्ठी इंडियन सोसायटी फॉर एंडवांसमेंट ऑफ कैनाइन प्रैक्टिस तथा पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की जा रही है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री प्रदीप शर्मा, योजना, नीति, कृषि एवं ग्रामीण विकास सलाहकार द्वारा अपने उद्बोधन में कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में जहां एक ओर गौवंश का महत्व है किंतु खेतों की विशेष रूप से रबि फसलों की जंगली पशुओं से सुरक्षा एक ज्वलंत समस्या है, जिसका समाधान प्रशिक्षित स्वान के माध्यम से किया जा सकता है जिसके लिए देशी श्वान नस्ले अति उपयुक्त है। इस महत्वपूर्ण संगोष्ठी में की गई अनुशंसाऐं राज्य सरकार के लिए महत्वपूर्ण होगी। इन अनुशंसा के आधार पर भविष्य में स्वान एवं अन्य पालतू पशुओं के उपचार हेतु मोबाइल यूनिट तथा अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जा सकेगा। इस अवसर पर आईएससीपी के अध्यक्ष प्रो.एस.प्रताबन ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सोसाइटी के द्वारा किए जा रहे समस्त कार्यकलापों की जानकारी दी। स्वागत भाषण में कार्यक्रम के आयोजन सचिव तथा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ.एस.के.तिवारी ने बताया कि संगोष्ठी के सफल आयोजन हेतु विभिन्न समितियां गठित की गई हैं। इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश विदेश के लगभग 200-250 पशु चिकित्सकों एवं वैज्ञानिकों की सहभागिता रहेगी। श्री प्रदीप शर्मा, योजना, नीति, कृषि एवं ग्रामीण विकास सलाहकार एवं श्री क्षितिज चंद्राकर ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत लाइवलीहुड इनक्यूबेशन सेंटर फूड जुनोसिस भवन एवं पशु उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग के मांस प्रसंस्करण प्रयोगशाला का उद्घाटन एवं नवीन कन्या छात्रावास के निर्माण कार्य का भूमि पूजन किया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ.आर.के.सोनवणे, कार्यपालन अभियंता इंजी.मोहन कोमरे, निदेशक अनुसंधान सेवाएं डॉ.जी.के.दत्ता, अधिष्ठाता डॉ.एस.के.तिवारी, निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ.संजय शाक्य, विभागाध्यक्ष पशु उत्पाद प्रौद्योगिकी डॉ.केशब दास, लाइवली इनक्यूबेशन सेंटर के समन्वयक डॉ.धीरेंद्र भोंसले, विश्वविद्यालय जनसंपर्क अधिकारी डॉ.दिलीप चौधरी, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडियाकर्मी, प्राध्यापक गण, वैज्ञानिक गण, कर्मचारी गण एवं छात्र-छात्राओं की गरिमामय उपस्थिति रही। कुलपति कर्नल (डॉ.) एन.पी. दक्षिणकर ने बताया कि इस सम्मेलन में 8 तकनीकी सत्रों एवं पोस्टर प्रेजेंटेशन के माध्यम से स्वान के रोगों की पहचान, रोकथाम, उपचार, पोषण प्रबंधन एवं उनके रखरखाव आदि विषयों पर चर्चा एवं जानकारी दी जावेगी। यह कार्यक्रम पशुचिकित्सा जगत से जुड़े पशुचिकित्सकों, पशुपालकों एवं पशु प्रेमियों के लिए उपयोगी व लाभदायी होगा। इस अवसर पर सोविनियर, विश्वविद्यालय बुलेटिन ष्कामधेनु प्रसार दर्पणष्, हिंदी-छत्तीसगढ़ी अर्धवार्षिक पत्रिका ष्हमर पशुधन के प्रथम अंक, विश्वविद्यालय की गतिविधियों का प्रेस, प्रेस न्यूज थ्रू प्रिंट एंड इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पार्ट 2, विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किया गया फाइनेंशियल एकांउट कोड का विमोचन किया गया। इस अवसर पर निदेशक पंचगव्य संस्थान डॉ.के.एम.कोले, अधिष्ठाता मात्स्यिकी महाविद्यालय कवर्धा डॉ.राजू शारदा, अधिष्ठाता दुग्ध प्रौद्योगिकी रायपुर डॉ. ए.के.त्रिपाठी, निदेशक वन्य प्राणी संस्थान डॉ.एस.एल.अली, निदेशक जैव प्रौद्योगिकी डॉ.आर.सी.घोष, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. नीलू गुप्ता, वित्त अधिकारी श्री शशिकांत काले, उपकुलपति सचिव डॉ.एम.के.गेंदलें, डॉ.नितिन गाड़े, डॉ.ओ.पी.दीनानी, श्री संजीव जैन की गरिमामय उपस्थिति रही।