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बिना सहमति के न थमायें जैविक खाद अन्यथा किसानों के आक्रोश का सामना करने के लिये तैयार रहें- किसान संगठन


गुलाब देशमुख @ दुर्ग

  • मुख्यमंत्री के नाम सौंपे पत्र में सब्सिडी के लिये पंजीकृत फर्मों से ही उपकरण खरीदने की बंदिश हटाने की मांग

छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन द्वारा आज मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर महेंद्र सिंह राजपूत को पत्र सौंपा गया जिसमें सोसायटियों द्वारा केसीसी में किसानों को उनकी सहमति के बिना जैविक खाद खरीदने के लिये बाध्य करने पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की गई है, पत्र में जैविक खाद की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करते हुए कहा गया है कि लेब में प्रमाणित हुए बिना जैविक खाद का विक्रय किया जाना उचित नहीं है, जैविक खाद के पैकिंग में कम्पोजिशन का स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिये कि उसमें कौन से तत्व हैं और कितनी मात्रा में है, पत्र में जैविक खाद के दाम में सरकार द्वारा 50% सब्सिडी देने की मांग भी की गई है ताकि किसान जैविक खाद का उपयोग करने के लिये प्रेरित हों इसके अलावा जैविक खाद के उपयोग से उपज में होने वाली कमी की भरपाई सरकार द्वारा कम से कम 3 साल तक करने की मांग भी की गई है, किसान संगठनों ने शासन प्रशासन को दो टूक कह दिया है कि यदि किसानों को सहमति के बिना जैविक खाद थमाया जाना तत्काल बंद नहीं किया गया तब उन्हें किसानों के आक्रोश का सामना करने के लिये तैयार रहना होगा,
मुख्यमंत्री के नाम सौंपे गये पत्र में किसान संगठन ने कृषि उपकरणों में सब्सिडी पर सवाल खड़े करते हुए कहा है पंजीकृत फर्मों से ही उपकरण खरीदने की बाध्यता के कारण किसानों को बाजार की दरों से लगभग दो गुने दाम में खरीदने के लिये मजबूर होना पड़ता है शासन की सब्सिडी का लाभ किसानों को नहीं मिलता बल्कि राशि को व्यापारी और अधिकारी हड़प कर जाते हैं अत: किसानों को खुले बाजार से उपकरण खरीदने का अधिकार मिलना चाहिये ।
इस अवसर पर एड. राजकुमार गुप्त, उत्तम चंद्राकर, परमानंद यादव, कल्याण सिंह ठाकुर, एड. प्रशांत अग्रवाल, ओंकार साहू, राजीव अग्रवाल, देवशरण साहू, रविंद्र अग्रवाल, बलदू ठाकुर, अतीश साहू आदि उपस्थित थे ।

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Author: dhaaranews

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