धारा न्यूज़ डेस्क

दुर्ग जिले के अंतर्गत ग्राम कुथरेल में एक अद्भुत परंपरा बरसों से चली आ रही है। हालांकि ये जानने में थोड़ी अजीब लगती है, मगर सच है कि, ग्राम कुथरेल में विजयदशमी के एक दिन बाद दशानन का दहन किया जाता है। ग्राम कुथरेल रावण के पुतले के कारीगरी के कारण भी जाना व पहचाना जाता है। यहां के कारीगर दुर्ग, भिलाई, रायपुर सहित आसपास के सभी प्रमुख कस्बों के लिए रावण बनाते हैं। जिसके कारण इसे रावण का गांव भी कहा जाता है। ग्राम कुथरेल में दशहरा की तैयारियां जोरों पर है। कोरोना संक्रमण के कारण लोगों को दो साल इस त्योहार की खुशियों से वंचित रहना पड़ा था लेकिन इस साल फिर से उत्साह लौट आया है।
सार्वजनिक दुर्गोत्सव एवं दशहरा उत्सव समिति के संरक्षक प्रदीप चन्द्राकर ने बताया कि रावण दहन एक दिन बाद किए जाने का कारण यह भी था कि यहां पर भव्य आतिशबाजी और विशाल रावण पुतला दहन का आनंद लोग अधिक संख्या में पहुंच कर उठा सके। ग्राम कुथरेल में बीते 40 वर्षों से भव्य आतिशबाजी के साथ रावण का पुतला दहन किया जाता रहा है। जहां पर अन्य प्रदेशों (कटक, आंध्रप्रदेश) के आतिशबाज अपने आतिशबाजी का प्रदर्शन करते हैं। साथ ही प्रदेश के प्रतिष्ठित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भी सांस्कृतिक कार्यक्रम लोकरंग अरर्जुन्दा का आयोजन किया गया है। जिसके कारण ग्राम कुथरेल में आसपास के अनेकों गांव के नागरिक यहां दशहरा उत्सव देखने आते हैं। लोगों की भीड़ इतनी होती है कि कई हेक्टेयर में फैला मैदान छोटा पडऩे लगता है।
शाम से शुरू हो जाती है रामलीला
सार्वजनिक दुर्गोत्सव एवं दशहरा समिति के सदस्य व उपसरपंच लोमश चन्द्राकर ने बताया कि दशहरे के दिन रामलीला का आयोजन होता है। इसका आनंद लेने हजारों ग्रामीण पहुंचते हैं। शाम होते ही रामलीला का शुरू हो जाती है। रामलीला के मंचन के बाद रावण का वध किया जाता है और उसी के साथ भव्य आतिशबाजी की शुरूआत होती है।
प्रदेश के गृहमंत्री होंगे मुख्य अतिथि
कुथरेल में आयोजित दशहरा पर्व में मुख्य अतिथि प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शालिनी रिवेन्द्र यादव रहेंगी। विशेष अतिथि के रूप मेें अध्यक्ष जनपद पंचायत देवेन्द्र देशमुख, महामंत्री प्रदेश कांग्रेस कमेटी जितेन्द्र साहू, सभापति जिला पंचायत योगिता चन्द्राकर, जिला पंचायत सदस्य माया बेलचंदन, नंदकुमार सेन, विधायक प्रतिनिधि केशव बंटी हरमुख, किसान नेता पुकेश चंद्राकर व ग्राम कुथरेल की सरपंच श्रीमती राजश्री (प्रेरणा) चन्द्राकर उपस्थित रहेंगे।
कहलाता है रावण का गांव
गांव कुथरेल में हर युवा रावण का कारीगर है। यहां से बनाया गया रावण रायपुर, भिलाई, दुर्ग व अन्य बड़े कस्बो में जाता है। जिसके कारण कुथरेल के रावण का गांव के नाम से भी जाना जाता है। यहां के प्रमुख कारीगर जितेन्द्र साहू ,नारद साहू ,सुखदास मानिकपुरी ,लोचन साहू के नेतृत्व में सैकड़ों कारीगरों के सहयोग से प्रदेश में अनेक स्थानों पर रावण बनाते हैं।
