Dhaara News

CGPSC भर्ती में फर्जीवाड़े का आरोप, हाईकोर्ट ने नियुक्ति पर लगाई रोक

बिलासपुर (वीएनएस)। छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग वर्ष 2021-22 भर्ती में हुई गड़बड़ी काे लेकर दायर जनहित याचिका में बुधवार को लगातार दूसरे दिन डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एनके चंद्रवंशी के डिवीजन बेंच ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। जिन उम्मीदवारों ने ज्वाइनिंग दे दी है उनकी नियुक्ति हाई कोर्ट के फैसले से बाधित रहेगी।

मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच कराएंगे व हाई कोर्ट के समक्ष जांच रिपोर्ट पेश करेंगे। अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने पांच अक्टूबर की तिथि तय कर दी है। पूर्व गृहमंत्री व रामपुर के विधायक ननकी राम कंवर ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने जनहित याचिका दायर की है।

दायर याचिका में पीएससी द्वारा भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए 18 चयनित उम्मीदवारों की सूची भी कोर्ट के समक्ष पेश की है जिसमें पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के आधा दर्जन के करीब रिश्तेदार डिप्टी कलेक्टर सहित अन्य पदों पर चयनित हुए हैं। इसके अलावा राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो के बेटी व बेटे, मुंगेली के तत्कालीन कलेक्टर एल्मा के बेटे,कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के बेटे,बस्तर नक्सल आपरेशन डीआइजी की बेटी सहित ऐसे 18 लोगों की सूची पेश करते हुए आरोप लगाया है कि यह सभी नियुक्तियां प्रभाव के चलते पिछले दरवाजे से कर दी गई है।

उन उम्मीदवारों के भविष्य के साथ धोखा किया गया है जिनकी नियुक्ति होनी थी। पिछले दरवाजे से की गई नियुक्तियों को रद करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। राज्य शासन ने अपने जवाब में कहा है कि जब तक मामले की अगली सुनवाई नहीं हो जाती तब तक इस विषय को बढ़ावा न देकर जिन उम्मीदवारों पर आरोप लगा है और उनकी नियुक्ति नहीं हुई है, उसको आगे अंतिम रूप नहीं दिया जायेगा।

बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान चयनित उम्मीदवारों ने अपने अधिवक्ता के जरिए हस्तक्षेप याचिका पेश की है। हस्तक्षेपकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता ने कहा कि पांच प्रतियोगियों की नियुक्ति हो चुकी है। ऐसे में नियुक्ति रोकना सही नहीं होगा। इस पर कोर्ट ने उनकी नियुक्ति को इस याचिका के अंतिम फैसले से बाधित रखा है। साथ ही शेष उम्मीदवारों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है।

पीएससी के तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी का नहीं, सरपंच का है बेटा

याचिका की सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई कि चयनित उम्मीदवार नितेश सिंह को पीएससी के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह का बेटा बताया गया है वह उनका बेटा नहीं है। नितेश पूर्व सरपंच राजेश सिंह का बेटा है। इसकी जानकारी सामने आते ही चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पर नाराजगी जताई।

महाधिवक्ता करेंगे मामले की पैरवी

बुधवार को सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारियों ने बताया कि महाधिवक्ता बाहर हैं। उनके आने के बाद इस मामले में विस्तार से जवाब पेश किया जाएगा। अगली सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता डिवीजन बेंच के समक्ष उपस्थित होंगे और राज्य शासन की ओर से पक्ष रखेंगे।

कोर्ट की गंभीर टिप्पणी

मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि अधिकारी का बेटा शीर्ष पद पर चयनित हो सकता है। लेकिन यह संयोग बहुत गलत और दुखद है। तल्ख टिप्पणी के साथ डिवीजन बेंच ने राज्य शासन की ओर से पैरवी करते अधिवक्ता से पूछा कि क्या ये सारी नियुक्तियां हो चुकी हैं। ज्वाइनिंग दी जा चुकी है। राज्य शासन के विधि अधिकारी ने बताया कि अब तक पांच चयनित उम्मीदवार की ही ज्वाइनिंग हुई है। इस पर कोर्ट ने नियुक्ति पर रोक लगाने के लिए कहा।

पीएससी और शासन को दिया निर्देश

कोर्ट ने राज्य सरकार तथा पीएससी को निर्देशित किया है कि जो सूची याचिकाकर्ता के द्वारा पेश की गई है उसके तथ्यों की सत्यता के संबंध में जांच कर लें। शासन व पीएससी को जरुरी निर्देश देने के साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देशित किया गया है कि वह चयनित व्यक्तियों को पक्षकार बनाए और अपनी याचिका में जरुरी संशोधन कर पेश करें। न्यायालय के द्वारा याचिकाकर्ता को भी सचेत किया गया है कि अगर याचिकाकर्ता की जानकारी गलत पाई गयी तो उसके विरुद्ध भी न्यायोचित कार्यवाही की जायेगी।

dhaaranews
Author: dhaaranews

Facebook
Twitter
WhatsApp
Reddit
Telegram

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमसे जुड़े

Weather Forecast

DELHI WEATHER

Gold & Silver Price

पंचांग