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राज्य में कृषि उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य से दोगुने भाव में धान, चना, गेंहूं आदि की सरकारी खरीदी करने की मांग को लेकर एक साल तक अभियान चलेगा- किसान संगठन

स्वामिनाथन आयोग के सी 2 +50% न्यूनतम समर्थन मूल्य का गारंटी कानून लागू करे केंद्र सरकार

राज्य में कृषि उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य से दोगुने भाव में धान, चना, गेंहूं आदि की सरकारी खरीदी करने की मांग को लेकर एक साल तक अभियान चलेगा

छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन का निकुम परिक्षेत्रीय किसान सम्मेलन में कृषि और किसानी के अलावा किसान मित्रों, मनरेगा श्रमिकों, आवास पेंशन आदि पर हुई चर्चा

@ धारा न्यूज़/गुलाब देशमुख/निकुम

दुर्ग ब्लाक के निकुम में छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन का परिक्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया, छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र पर माल्यार्पण करके सम्मेलन की कार्यवाही शुरू की गई, आरंभ में जयंती के अवसर पर अंबेडकर और महावीर का भी स्मरण किया गया, संगठन के अध्यक्ष आई के वर्मा ने अपने उद्बोधन में किसानों को संगठित होने का आह्वान किया, इसके बाद सम्मेलन में शामिल किसान प्रतिनिधियों ने न्याय योजना की चौथी किश्त में राशि की कटौती करने, फसल बीमा योजना का लाभ न मिलने, समितियों में खाद का वजन कम मिलने, जानवर से फसल को होने वाली क्षति, आवास और पेंशन की राशि से वंचित होने, किसान मित्रों को 18 माह का मानदेय राशि नहीं मिलने और मनरेगा श्रमिकों को 100 दिन काम नहीं मिलने आदि मुद्दे उठाये,
संगठन के जिला अध्यक्ष उत्तम चंद्राकर, ब्लाक अध्यक्ष परमानंद यादव और दुर्ग ग्रामीण के अध्यक्ष ढालेेश साहू, किसान मित्र संघ के दुर्ग जिला अध्यक्ष अशोक चौधरी, बालोद जिला के उपाध्यक्ष प्यारेलाल देशमुख और मनरेगा मजदूर संघ के राकेश कौशिक मे किसानों के मुद्दों का समाधान करते हुए संगठन को मजबूत बनाने और लगातार सक्रिय बने रहने की बात कही,

निर्वाचित जन प्रतिनिधि अपने दायित्व का निर्वाह नहीं कर रहे हैं

संसद, विधानसभा, जिला, जनपद के निर्वाचित प्रतिनिधियों को निशाने पर लेते हुए एड. राजकुमार गुप्त ने कहा कि वे अपने निर्वाचकों के प्रति अपने दायित्वों का निर्वाह करने में विफल साबित हुए हैं, जिस दिन निर्वाचित प्रतिनिधि निर्वाचक जनता से खौफ खायेंगे जनता की आधी समस्या अपने आप ही दूर हो जायेगी,

सामाजिक संंगठनों ने किसानों और गांव की समस्याओं को कभी नहीं उठाया

सामाजिक संगठनों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सभी समाज की आजीविका का मुख्य साधन खेती किसानी है लेकिन किसी भी सामाजिक संगठन ने आज तक कभी भी अपने आजीविका खेती किसानी के मुद्दों को नहीं उठाया है, यदि सामाजिक संगठन खेती किसानी के मुद्दों को सरकार के समक्ष उठायें तब समस्याओं का समाधान आसान हो जायेगा,
सम्मेलन में

राष्ट्रीय संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर प्रस्ताव पारित करते हुए स्वामिनाथन आयोग के सी 2+50% के अनुसार कृषि उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिये कानून बनाने के लिये केंद्र सरकार से मांग की गई है

इसके अलावा अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए धान, गेंहूं, चना आदि के न्यूनतम समर्थन मूल्य से दो गुना दाम पर धान,गेंंहूं,चना आदि की सरकारी खरीदी करने की मांग को लेकर एक साल तक अभियान चलाने का निर्णय लिया गया, जिन उपजों की सरकारी खरीदी नहीं होती है ऐसी उपज लेने वाले किसानों को न्याय योजना में प्रति एकड़ 20 हजार रूपये आदान राशि देने की मांग भी की गई, सम्मेलन को रीना देशमुख, चंद्रप्रभा साहू, बालोद जिला के अर्जुन सिंह, वयोवृद्ध पंथी कलाकार पुरानिक लाल चेलक आदि ने भी संबोधित किया, आभार प्रदर्शन प्यारेलाल देशमुख ने किया,
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के निकुम सम्मेलन में पुरूषोत्तम वाघेला, बद्रीप्रसाद पारकर, कल्याण सिंह ठाकुर, संतु पटेल, युवराज चंद्राकर, खोमेन्द्र साहू, बालोद जिला के ताम्रध्वज साहू, कुलेश्वरी निषाद सहित दुर्ग बालोद जिला के अनेक किसान प्रतिनिधि शामिल थे ।

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Author: dhaaranews

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