छत्तीसगढ़ न्यूजः दुर्ग शहर में एक नामी बिजनेसमैन ने अपनी पत्नी के साथ फिजिकल रिलेशन बनाने के नाम पर ऐसी हरकत करता था कि महिला मानसिक तनाव और शारीरिक शोषण से परेशान हो गई। इसके चलते पीड़ित महिला को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। कोर्ट ने भी महिला की पूरी बात सुनने के बाद फास्ट ट्रैक में सुनवाई करते हुए आरोपी पति को 9 साल की सजा सुनाई।
दुर्गः छत्तीसगढ़ के भिलाई-दुर्ग जुड़वां शहर के एक नामी बिजनेसमैन को अपनी पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध के लिए मजबूर करने के आरोप में नौ साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।
पीड़ित महिला के वकील के अनुसार 2007 में शादी के तुरंत बाद पत्नी को मानसिक और शारीरिक यातना का सामना करना पड़ा। इतना ही इन सभी के साथ उसे जबरन अप्राकृतिक यौन संबंध को भी झेलना पड़ा। फिजिकल और मेंटल टार्चर के साथ ही उसे दहेज के लिए भी प्रताड़ित किया गया था।
पति की हरकतों से परेशान होकर छोड़ा घर
पति की अननेचुरल सेक्स के साथ ही मेंटल टॉर्चर से परेशान होकर पीड़ित पत्नी ने अपना ससुराल छोड़ दिया। इसके साथ ही उसने अपनी बेटी को सिंगल मदर के रूप में पालने का फैसला किया। वह 2016 में अपनी बेटी के साथ अपने माता-पिता के पास वापस चली गई और 7 मई 2016 को सुपेला पुलिस स्टेशन शिकायत दर्ज कराई। जिसमें अप्राकृतिक यौन संबंध के लिए आईपीसी की धारा 377 और दहेज उत्पीड़न के लिए धारा 498 ए के तहत अपने पति और उसके पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। अभिभावक।
कोर्ट ने सुनाया ये आदेश
अदालत के आदेश में कहा कि ‘अपराध की प्रकृति को देखते हुए, आरोपी को परिवीक्षा का लाभ देना उचित नहीं होगा’। अदालत के आदेश में कहा गया कि उसका अपराध आईपीसी की धारा 377 के तहत आता है जो एक दंडनीय अपराध है। आईपीसी की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) के तहत उन्हें एक साल की सश्रम कारावास की सजा और 1,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। दोनों सजाएं फिलहाल साथ-साथ चलेंगी।
पति की बहन को भी बनाया आरोपी
सुनवाई के दौरान कारोबारी की बहन को भी आरोपी के तौर पर शामिल किया गया। उसे ‘स्वेच्छा से चोट पहुंचाने’ के लिए छह महीने जेल की सजा सुनाई गई। साथ ही 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। उनके माता-पिता को भी इसी आरोप में 10-10 महीने की जेल हुई थी।