बीएसपी प्रबंधन की मनाही के बाद भी टाउनशिप में निगम के अवैध निर्माण थम नहीं रहे हैं। ऐसा ही एक और अवैध डोम निर्माण का मामला सेक्टर 7 में आया है। इसके लिए बीएसपी से एनओसी नहीं ली गई और निर्माण शुरू कर दिया गया। जानकारी मिलने पर बीएसपी के नगर सेवाएं विभाग की ओर से निगम को नोटिस जारी किया गया है। इसके बाद भी बात नहीं बनी तो विभाग ने संपदा न्यायालय की शरण ली।
न्यायालय ने 12 अगस्त को बीएसपी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए निगम आयुक्त से निर्माण पर रोक लगाने और मलबा को हटाने कहा है। अन्यथा राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दर से 1961.90 रुपए वर्गफुट के हिसाब से पेनल्टी वसूले जाने की चेतावनी दी है।
निगम प्रशासन द्वारा सेक्टर 7 के सड़क 35 में अधोसंरचना मद से 10 लाख की लागत से डोम का निर्माण करा रहा है। डोम की साइज 12.5 बाय 15.5 मीटर है। जिस एरिया में डोम का निर्माण चल रहा है वहां पहले कर्मचारियों के लिए ट्रिपल स्टोर बिल्डिंग हुआ करती थी। बिल्डिंग के जर्जर होने से प्रबंधन ने अनफिट केटेगरी में डालते हुए ढहाने लगा। जिसके कारण तीनों स्ट्रीट खाली हो चुकी है। निगम प्रशासन ने ऐसी ही 35 नंबर स्ट्रीट के किनारे की खाली जगह में महीने भर पहले डोम का निर्माण शुरू कर दिया है। निर्माण शुरू होने के सप्ताह भर के भीतर अवैध निर्माण की जानकारी नगर सेवाएं विभाग की मिली। इसके बाद लैंड सेक्शन की ओर से निगम को नोटिस जारी कर निर्माण रोकने कहा गया है।
यह पहला अवसर नहीं है कि जब निगम ने बीएसपी से बिना एनओसी लिए अवैध डोम का निर्माण किया हो। इसके पहले सेक्टर 9 अस्पताल परिसर में भी बीएसपी की बिना एनओसी के डोम का निर्माण किया जा रहा था। प्रबंधन की ओर से आपत्ति जताई गई तो मामले को लेकर राजनीति शुरू हो गई। हालांकि दबाव बढ़ने पर निगम प्रशासन ने डोम निर्माण रोकते हुए सामग्री को मौके से हटा लिया। हालांकि बाद में बीएसपी प्रबंधन ने अस्पताल परिसर के पास ही मनोकामना परिसर में शिव मंदिर के बाजू की जगह डोम निर्माण के लिए एनओसी जारी कर दी। एनओसी जारी किए दो महीने से अधिक समय बीत चुका है। पहले वाले निर्माण से महीने भर पहले निर्माण तो हटा लिया गया लेकिन जहां एनओसी मिला हुआ है वहां अब तक निर्माण शुरू नहीं हुआ है।