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दाऊद इब्राहिम: 18 साल पहले ही दुबई में निपटा दिया जाता डॉन, अजीत डोभाल के उस सीक्रेट प्लान की इनसाइड स्‍टोरी


अजीत डोभाल ने 2005 में दाऊद इब्राहिम को निपटाने का पूरा प्‍लान तैयार कर लिया था। जानिए, किस वजह से अंडरवर्ल्‍ड डॉन को दुबई में मारने का प्लान परवान नहीं चढ़ पाया।

नई दिल्ली: अंडरवर्ल्‍ड डॉन दाऊद इब्राहिम भारत ही नहीं, दुनिया के मोस्‍ट वॉन्‍टेड आतंकवादियों में से एक है। उस पर ग्लोबल टेररिस्‍ट का ठप्पा है। इंटरपोल की रेड लिस्‍ट में उसका नाम है, सिर पर 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम है। दशकों से भारतीय एजेंसियों को दाऊद की तलाश रही है। पाकिस्तान को अपना ठिकाना बनाए दाऊद को लेकर सोशल मीडिया पर अटकलों का बाजार गर्म है। कह रहे हैं कि दाऊद को ‘अज्ञात लोगों’ ने जहर दिया है, वह कराची के अस्पताल में भर्ती है। इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। दशकों से भारत में मोस्‍ट वॉन्‍टेड रहे दाऊद को पकड़ने की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं। उसे ठिकाने लगाने के एक प्लान में तो खुद अजीत डोभाल शामिल थे जो अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) हैं। डोभाल ने 2005 में दाऊद को तब ही निपटाने का प्लान बनाया था, जब वह दुबई में था। पूर्व गृह सचिव और बीजेपी नेता आरके सिंह ने 2015 में उस प्‍लान की जानकारियां सार्वजनिक की थीं। डोभाल उस समय तक इंटेलिजेंस ब्‍यूरो (IB) से रिटायर हो चुके थे।

दाऊद, दुबई और डोभाल… 18 साल पुरानी वो कहानी

बात 2005 की है। जनवरी में अजीत डोभाल IB से रिटायर हो चुके थे। कुछ दिन बाद खबर आई कि दाऊद इब्राहिम की बेटी माहरुख का निकाह पाकिस्‍तानी क्रिकेटर जावेद मियांदाद के बेटे जुनैद से होने वाला है। निकाह 9 जुलाई को मक्‍का में होना था और वलीमा 23 जुलाई को दुबई के ग्रैंड हयात में।भारतीय एजेंसियों ने सही मौका समझकर दाऊद को निपटाने की सोची। बहुत कम ही ऐसा होता था जब दाऊद के मूवमेंट की जानकारी मिलती हो। प्‍लान फेल होता था तो बड़ी फजीहत होती। सरकार अपने ऊपर कोई तोहमत नहीं चाहती थी। इसलिए कमांडो भेजने के बजाय छोटा राजन गैंग की मदद लेने का फैसला हुआ। छोटा राजन 1993 बम धमाकों के बाद से दाऊद से अलग हो चुका था।पूरे ऑपरेशन की जिम्‍मेदारी अजीत डोभाल के सिर पर थी। उधर, छोटा राजन भी दाऊद से बदला लेने को तड़प रहा था। दाऊद ने 2000 में छोटा राजन पर बैंकॉक में हमला करवाया था। डोभाल के इशारे पर राजन ने अपने दो भरोसेमंद शूटर्स- विकी मल्‍होत्रा और फरीद तनाशा को दाऊद को ठिकाने लगाने का काम सौंपा। सिंह के मुताबिक, इनकी ट्रेनिंग भारत में एक सीक्रेट लोकेशन पर हुई। दोनों को दुबई पहुंचने के लिए जाली ट्रेवल डॉक्‍युमेंट्स और टिकट्स दिए गए।​

मुंबई पुलिस ने डोभाल के प्‍लान पर फेर दिया पानी!

अब तक सब ठीक चल रहा था मगर आईबी को मुंबई पुलिस की गतिविधियों का पता नहीं था। मुंबई पुलिस को भारत में छोटा राजन गैंग के सदस्‍यों की मौजूदगी की भनक लग गई। एक दोपहर, डोभाल मुंबई के एक होटल में बैठकर राजन गैंग के शूटर्स को ब्रीफ कर रहे थे, तभी पुलिस ने धावा बोल दिया। डोभाल को बहुत गुस्‍सा आया, उन्‍होंने पुलिस को बताने की कोशिश की वे कि कौन हैं लेकिन मुंबई पुलिस तनाशा और मल्‍होत्रा को अरेस्‍ट करके ले गई। डोभाल को मजबूरी में कदम पीछे खींचने पड़े।

होटल में रेड करने वाली टीम में शामिल रहीं पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरा बोरवांकर ने बाद में कहा कि उन्‍हें डोभाल के प्‍लान की जरा भी खबर नहीं थी। ‘इंडिया टुडे’ से बातचीत में मीरा ने उसे ‘दो एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी’ बताया था। मीरा के मुताबिक, पुलिस को नहीं पता था कि डोभाल रिटायरमेंट के बाद भी एजेंसी के लिए काम कर रहे हैं। पूर्व आईपीएस अधिकारी ने दावा किया था कि उन्‍होंने मल्‍होत्रा को छोड़कर जाने से मना किया तो डोभाल ने उन्‍हें ‘सबक सिखाने’ की बात कही थी। मीरा ने अपनी किताब ‘मैडम कमिश्‍नर’ में भी इस वाकये का जिक्र किया है।

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Author: dhaaranews

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