गुलाब @ रसमड़ा
ग्राम रसमड़ा में कंपनियों से निकलने वाले प्रदूषण को लेकर ग्रामीण हड़ताल पर बैठे थे, और रसमड़ा के एकेबीएन चौक पर चक्का जाम कर दिया गया। जिससे औद्योगिक क्षेत्रों में आवागमन बंद हो गया था सुबह के 8:00 बजे से लोग हड़ताल पर बैठ गए इस दौरान क्षेत्र का कोई भी बड़ा नेता ग्रामीणों से मिलने नहीं पहुंचा।
ग्रामीण, सरपंच ममता भागवत साहू के नेतृत्व में चक्का जाम पर बैठे थे और वे उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषण तथा सीएसआईडीसी के ढुलमुल रवैया से नाराज़ रहे।
इस दौरान पर्यावरण विभाग के अधिकारी ग्रामीणों से मिलने पहुंचे। लेकिन ग्रामीणों और उनके बीच हुई बातचीत में बीच का कोई रास्ता नहीं निकला।
ग्रामीणों ने कहा कि 1990 से स्थापित उद्योगों से ग्राम पंचायत को कोई सहयोग नहीं होता ना ही सीएसआर मद से गांव में विकास कार्य किए जाते हैं, ग्रामीणों को नौकरी भी नहीं देते और यह रोजगार भी प्रमुख मांगों में से एक थी।
मांगे पूरी नहीं हुई तो पुलिस फोर्स भी लगाया गया जिससे ग्रामीण नाराज हो गए, इससे चौकी प्रभारी अंजोरा पवन देवांगन ने सूझबूझ का परिचय देते हुए पुलिस टुकड़ी को वापस हटाया।
उसके बाद ग्रामीण जन पर्यावरण विभाग तथा उद्योग विभाग के बड़े अधिकारी के आने का इंतजार कर रहे थे, वहीं एसडीएम मुकेश रावटे, पुलिस विभाग के अधिकारी संजय ध्रुव एवं वैभव बैंकर के साथ भारी पुलिस बल भी आई।
एसडीएम मुकेश रावटे ने जनप्रतिनिधियों से बात करने की कोशिश की इस दौरान ग्रामीणों ने निवेदन किया कि हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, पुलिस बल हटा लिया जाए लेकिन पुलिस विभाग के अधिकारी संजय ध्रुव एवं वैभव बैंकर ने ग्रामीणों की बात नहीं सुनी।
फोर्स ना हटाने की बात पर मामला गरमा गया,फिर ग्रामीणों व पुलिस के बीच झड़प जैसा माहौल पैदा हुआ और आंदोलन को पुलिस बल के उपयोग से समाप्त कर दिया गया। ग्रामीणों को गिरफ्तार कर अंजोरा चौकी ले गए, जिसमें मुख्य रूप से सरपंच ममता भागवत साहू, जनपद सदस्य अजय वैष्णव, सरपंच प्रतिनिधि भागवत साहू, उपसरपंच नंदकुमार साहू, ग्रामीण बालकिशन निषाद एवं अन्य ग्रामीणों को गिरफ्तार किया गया है।
बहरहाल प्रदूषण नियंत्रण के लिए किस अधिकारी ने किसे क्या कहा यह अभी तक पता नहीं चल पाया। क्या रसमड़ा की दुर्दशा का अंत और प्रदूषण का नियंत्रण भी पुलिस बल का उपयोग कर किया जा सकेगा यह यक्ष प्रश्न है!!
(नोट_इस मौके की सारी फुटेज हमारे पास मौजूद हैं।)