दुनियाभर में दिल से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ती जा रही हैं। इसका एक बड़ा कारण है स्ट्रेस और धमनियों में ब्लॉकेज। इसके अलावा नींद की कमी और डाइट से जुड़ी कमियां भी हाई बीपी की समस्या को बढ़ावा देती हैं। ऐसे में अगर हम कुछ आयुर्वेदिक उपायों को अपनाएं तो इस समस्या से पार पाने की कोशिश की जा सकती है। दरअसल, एक औषधीय पत्ता है पत्थरचट्टा जो कि दिल से जुड़ी बीमारियों को कम करने में मदद कर सकता है। आयुर्वेद में इसे कई बीमारियों को कम करने के लिए किया जाता है लेकिन आज हम सिर्फ हाई बीपी के मरीजों के लिए इसके फायदे के बारे में जानेंगे।
धमनियों को खोलता है पत्थरचट्टा
हाई बीपी के मरीजों के लिए पत्थरचट्टा कई प्रकार से काम कर सकता है। ये आपकी धमनियों को खोलता है यानी कि इसे चौड़ा करता है और इसकी दीवारों को स्वस्थ रखता है जिससे ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और दिल पर इसका प्रेशर नहीं पड़ता। इससे हाई बीपी के मरीजों को राहत मिलती है और बाकी बीमारियों का खतरा भी कम होता है।
ब्लॉकेज के खतरे को कम करता है
पत्थरचट्टा ब्लॉकेज को खतरे को कम कर सकता है। ये ऐसे कि इसके एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में गर्मी पैदा करते हैं जिससे धमनियों में जमा हाई कोलेस्ट्रोल और फैट के कण पिघलने लगते हैं। इससे बल्ड सर्कुलेशन बहुत आराम से होता है और दिल पर भार नहीं आता। इस प्रकार से ये हाई बीपी की समस्या को कंट्रोल करने में मदद करता है और आपको दिल से जुड़ी कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
कैसे करें पत्थरचट्टा का उपयोग
आपको करना ये है कि पत्थरचट्टा का जूस बनाएं और इसे बस आधा कप के करीब सप्ताह में 2 बार लें। इसके लिए 1 कप पानी लें और इसमें पत्थरचट्टा के कुछ पत्तों को डालकर एक उबाल लें। अब आंच को धीमी कर दें ताकि जूस और गाढ़ा हो जाए। इसके बाद इस जूस को पिएं। ऐसा करना आपके शरीर को डिटॉक्स करने और दिल की बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है।