@ धारा न्यूज़ फॉलोअप/दुर्ग/ गुलाब देशमुख
लोक निर्माण विभाग द्वारा पुलगांव से अण्डा सड़क का चौड़ीकरण किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रस्तावित सड़क चौड़ीकरण के दायरे में आने वाले ग्राम कुथरेल के प्रचलित आबादी क्षेत्र में कई साल से कब्जा करके मकान बनाकर निवास करने वाले आधा सैकड़ा ग्रामीणों को अतिक्रमण हटाने की नोटिस दी गई है इनमें से अधिकांश को छग शासन द्वारा आवासीय पट्टा भी प्रदान किया गया है।
सड़क के प्रस्तावित चौड़ीकरण से प्रभावित होने वाले ग्रामीणों ने आज कलेक्टर जनदर्शन में मुआवजा और तोड़फोड़ के संबंध में समस्या रखी।
कलेक्टर जनदर्शन में ग्रामीणों का मार्गदर्शन करने के लिये छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के केंद्रीय अध्यक्ष एडवोकेट राजकुमार गुप्ता व दुर्ग ग्रामीण के जिला अध्यक्ष ढालेश साहू उपस्थित रहे।
मंच के नेताओं ने प्रभावित ग्रामीणों को बताया कि भूअर्जन कानून 2013 और राज्य के पुनर्वास पुनर्व्यवस्थापन नीति के प्रावधान के अनुसार बिना उचित मुआवजा दिये प्रचलित आबादी क्षेत्र के किसी भी कब्जाधारी को कब्जे से बेदखल नहीं किया जा सकता।
दुर्ग ग्रामीण इकलौता विधानसभा जहां बिना सीमांकन के सड़क बन रहा है
ग्रामीणों में इस बात को लेकर आक्रोश व्याप्त है कि वर्तमान सड़क का राजस्व सीमांकन किये बिना लोक निर्माण विभाग द्वारा उन्हें अतिक्रमणकारी मान कर कब्जा छोड़ने के लिये नोटिस थमा दिया गया है जिसके कारण वे स्वयं को अपमानित महसूस कर रहे हैं और मानसिक रूप से प्रताड़ित हुए हैं, ग्रामीणों ने नोटिस का कानूनी विरोध करने का निर्णय लिया है और यदि मौजूदा सड़क का सीमांकन किये बिना उन्हें बल पूर्वक कब्जे से बेदखल करने का प्रयास किया गया तब इसका विरोध किया जायेगा।
ग्रामीण राजेंद्र देशमुख ने बताया कि बेतरतीब तरीके से सड़क निर्माण हो रहा है। कहीं पर माप कम लिया गया है कहीं अधिक।
राजेश चंद्राकर ने कहा कि सड़क का निर्माण नियमपूर्वक ना होकर राजनीति पूर्वक किया जा रहा है जो कि अनुचित है।
इस दौरान चुम्मन चंद्राकर, बेनी राम चंद्राकर, अब्दुल हफीज, अश्वनी कुमार देवांगन, बाबूलाल साहू, गुलाब साखरे, फूल चंद, अशोक कुमार, प्रेमलाल , देवनाथ, बिसौहा राम, नरेंद्र कुमार देशमुख, राजेंद्र देशमुख, शिवनारायण, मुकेश कुमार देशमुख,रमेश कुमार देवांगन, नंद कुमार देशमुख, संतोष विश्वकर्मा संजय कुमार साहू, ओम प्रकाश, साहू, राजेश चंद्राकर सहित कई ग्रामीण उपस्थित रहे
मुआवजा नहीं मिलेगा, सड़क को सकरा किया जा सकता है
ग्रामीणों के प्रतिनिधि मंडल ने पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन अभियंता अशोक श्रीवास से इस मामले पर बातचीत की जिस पर ग्रामीणों को बेतुका जवाब मिला कि सड़क चौड़ीकरण को कम किया जा सकता है लेकिन किसी सूरत में मुआवजा नहीं दिया जा सकता।
यह बयान भी विरोधाभासी है आखिर नोटिस पी डब्लयू डी द्वारा क्यों दी गई?? यह भी एक बड़ा सवाल है!! वैसे इसका उदाहरण पीडब्ल्यूडी मंत्री के गांव पौव्वारा में देखा जा सकता है।
बहरहाल ये सड़क निर्माण की अविरल धारा और बेजा तोड़ फोड़ सत्ता में बैठे किसी नेता पर आने वाले विधानसभा में भारी ना पड़ जाए।