एजेंसी @ दिल्ली

भारतीय रेलवे ने पहियों के संकट से उबरने के लिए एक चीनी कंपनी से डील की है। यह डील यूक्रेन की एक फर्म की ओर से पेश किए गए ऑफर से प्रति पहिए पर 1.68 प्रतिशत अधिक है। केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को संसद में जानकारी देते हुए बताया कि रेलवे ने चीनी निर्माता कंपनी ताइयुआन से LHB कोचों के लिए 39,000 पहियों की खरीद का ऑर्डर दिया है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 39,000 पहियों की खरीद ट्रेनों के LHB कोचों के लिए की जा रही है। ऑर्डर भारतीय रेलवे की ओर M/s TZ(Taizhong), हांगकांग की निर्माता मैसर्स ताइयुआन, चीन के साथ हुई है। उन्होंने बताया कि इससे पहले LHB कोच के लिए 30,000 पहियों के लिए स्वीकृति पत्र (LOA) यूक्रेन की M/s KLW को दी गई थी।
लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के वर्तमान संकट के कारण, रूस और यूक्रेन की फर्मों की ओर से आपूर्ति प्रभावित हुई थी। वैष्णव ने कहा कि आपूर्ति प्रभावित होने के बाद M/s KLW ने यूक्रेन में युद्ध संकट के कारण डील पूरी करने में असमर्थता जताई और फोर्स मेज्योर क्लॉज लागू किया। इस कारण से औपचारिक खरीद ऑर्डर यूक्रेनी फर्म को जारी नहीं किया जा सका।
क्या होता है फोर्स मेज्योर क्लॉज?
किसी भी डील में होने के दौरान फोर्स मेज्योर क्लॉज को रखा जाता है, क्योंकि किसी भी आपदा के कारण अगर डील पूरी नहीं होती है तो करार को समाप्त किया जा सके। यह तभी लागू किया जाता है, जब प्राकृतिक आपदा, जैसे तूफान, बवंडर और भूकंप के साथ-साथ कार्य प्रभावित हो या फिर गंभीर बीमारियों और युद्ध की स्थिति में भी फोर्स मेज्योर क्लॉज को लागू किया जाता है।
पहियों के संकट से निपटने के लिए हुई डील
रेल मंत्री ने चीनी फर्म से हुई पहियों की डील के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि LHB कोचों के लिए पहियों के संकट से निपटने के लिए चीनी फर्म के साथ सौदा किया गया। मंत्री ने कहा कि चीनी फर्म भारत सरकार की भूमि सीमा नीति के अनुसार, पहियों के लिए उद्योग और आंतरिक व्यापार प्रमोशन डिपॉर्टमेंट (DPIIT) के साथ रजिस्टर्ड है।
