गुलाब @ अलग धारा
दुर्ग जिले में एक ऐसा गांव है जहां लोग दूसरों के शादी से असंतुष्ट हो जाते हैं। और यह मामला कलेक्टर भी जानते हैं, लेकिन वे कार्रवाई के बजाय व्यक्तिगत मामले की तरह ले रहे हैं यह बड़ी विडंबना है।
दरअसल में धमधा ब्लाक के ग्राम अकोली में एक युवक योगेंद्र वर्मा ने साहू समाज की लड़की से विवाह किया जिसके बाद उसके परिवार को गांव के तथाकथित सामाजिक ठेकेदारों ने ग्रामीण बैठक कर भरी सभा में बेइज्जत करते हुए गांव में भीख मांगने की सजा और ₹ 50000 दंड आरोपित किया जिस शर्त को उन्होंने नहीं मानी फिर बहिष्कृत कर दिया।
युवक योगेंद्र ने विभिन्न जगहों पर शिकायत की, और उसने बताया कि उसने अंतर जाति विवाह किया है। समाचारों के पन्नों में गांव का नाम छप गया लोग आहत हो गए आग बबूला भी हो गए, फिर लड़के से 15 मिनट तक बंधक बनाकर मारपीट भी की गई। यह सब होता रहा और उस लड़के ने विरोध भी किया थानों में f.i.r. तक नहीं लिखी गई। मामले लगातार हमने भी प्रकाशित की है। जिसके बाद कई दौर के प्रशासनिक समझौते हुए, लेकिन परिवार को लगातार समाज द्वारा प्रताड़ित किए जाने का सिलसिला चलता रहा।
क्या समाज सिर्फ अंतर जाति विवाह को रोकने के लिए बना है
धमधा थाना के तत्कालीन प्रभारी विपिन रंगारी ने सामाजिक सद्भाव स्थापित करने दोनों पक्षों की चौपाल भी लगाई और उन्होंने एक बड़ी बात कहते हुए पूछा कि क्या समाज का एक ही काम है कि “अंतरजाति विवाह को रोकना” इसके अलावा कोई काम नहीं है उन्होंने यह सवाल करते हुए समाज के लोगों को पूछा तो सब चुप हो गए। फिर दूसरे लोगों ने जिन लोगों को पूर्व में दंडित किया था वह लोग अपना पैसा मांगने लगे।
फिर समस्या जस की तस बनी रही। चाय और नाश्ते खिलाने की बात कह कर गांव के सामाजिक बंधुओं ने समझौता किया थानेदार के समक्ष दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर किया।
लेकिन जब चाय नाश्ता खिलाने पिलाने की व्यवस्था हुई तो समाज के लोग गिनती की संख्या में उनके घर पहुंचे।जो गांव और समाज के लोगों का रणनीति का हिस्सा भी बना, लगातार बहिष्कृत होने का क्रम उसके बाद भी जारी रहा जैसे हर जगह होता है। वैसे हमारी पड़ताल मे पता चला है कि यहां एक ही जाति में शादी करने पर भी दंडित किया जाता है और भारी-भरकम राशि भी वसूली जाती है।
पिछले हफ्ते जनदर्शन में क्या हुआ
लड़के ने फिर दुर्ग के वर्तमान कलेक्टर पुष्पेंद्र मीना को बीते हफ्ते जनदर्शन में शिकायत की उसी दौरान गांव के डेढ़ सौ लोगों से भी ज्यादा के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन और शिकायत पत्र युवक के परिवार के विरुद्ध कलेक्टर को सौंपी। जिसमें सामाजिक रूप से बहिष्कृत होने का प्रमाण युवक पेश करता रहा, दुर्ग कलेक्टर धमधा एसडीएम से जवाब तलब करते रहे जिसमें कई दफे के समझौते की बात कही गई। ग्रामीणों की शिकायत भी सुनी गई।
ग्राम समाज द्वारा व ग्रामीणों द्वारा किए गए शिकायत में उल्लेख किया गया है कि हम योगेंद्र वर्मा के शादी से असंतुष्ट थे। हमारे पक्ष के 11 लोगों के विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है उससे भी असंतुष्ट हैं। ऐसी बातें लिखी गई सवाल यहां पर यह है कि किसी की शादी से कोई कैसे असंतुष्ट हो सकता है?
धमधा एसडीएम ने 107 / 16 का प्रकरण लगाया
आपको बता दें कि युवक के विरुद्ध 107/16 का प्रकरण दर्ज हो गया है जो धमधा एसडीएम ने उनके ऊपर लगाया है! सवाल यहां पर यह भी है कि किसी की शादी करने से क्या शांति भंग हो जाती है, यह सिर्फ दुर्ग जिला में हो सकता है यह पहली बार नहीं है कि शादी करने में दुर्ग में प्रतिबंधात्मक धारा लग रही है अंतर जाति विवाह करने वाले हर परिवार पर जो बहिष्कार का विरोध करते हैं उनके ऊपर 107/16 की धारा लगाकर इतिश्री कर लिया जाता है।
समाज के लोगों की आंखें कब खुलेगी और प्रशासन इनकी सुरक्षा की गारंटी क्यों नहीं देता। विवाह तो विवाह होता है उसे आप लव मैरिज, अरेंज मैरिज या अंतरजाति विवाह के कैटेगरी में बांटकर खुद को कंफ्यूज करने में लोग लगे हैं और प्रशासन भी इस छुआछूत और भेदभाव को मिटाने में आजादी के 75 साल बाद भी अवसाद ग्रस्त हो चुका है। लड़के ने आत्मदाह की भी बात कही है लेकिन क्या उस लड़के के आत्मदाह पर लोगों की सोच बदल जाएगी क्या उस लड़के को न्याय मिल पाएगा क्या दुर्ग कलेक्टर की आंख उसके आत्मदाह से खुल जाएगी? क्या उन तथाकथित सामाजिक ठेकेदारों पर उचित कार्यवाही की गाज गिरेगी? सवाल तो होगा ही जब अंतर जाति विवाह करने वाले लड़के ने पूरे गांव के सामाजिक लोगों को कलेक्टर के सामने खड़ा करा दिया। और वे मीडिया के सामने कुछ बोल भी ना पाए।