बिलासपुर. तखतपुर विकासखंड में आयोजित आवास न्याय सम्मेलन में राहुल गांधी ने अपने संबोधन में मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने अपने उद्बोधन की शुरुआत में कहा कि बिलासपुर आकर बहुत खुशी हो रही है. उन्होंने कहा कि मैं बैठा था और मुझे रिमोट कंट्रोल दिया गया था और कहा गया कि इसका बटन दबाइये, जैसे ही हमने बटन दबाया तो हजारों-करोड़ो रुपये छत्तीसगढ़ की जनता के खाते में गए. ग्रामीण आवास योजना में करीब 50 हजार लोगों को 1-2 सकेंड में पैसा मिला.
राहुल गांधी ने कहा कि हमने रिमोट कंट्रोल स्टेज से दबाया, लेकिन बीजेपी छुपकर रिमोट दबाती है. जैसे ही बटन दबता है उद्योगपतियों को एयरपोर्ट मिल जाता है, फिर दबाते हैं तो रेलवे मिल जाता है. दो रिमोट चल रहे हैं, हम दबाते हैं तो हितग्राहियों को पैसा मिलता है, बीजेपी दबाती है तो पब्लिक सेक्टर प्राइवेट हो जाता है. आपका जल जंगल जमीन चुपके-चुपके उद्योगपतियों का हो जाता है.
राहुल ने कहा कि पीएम आवास योजना में जो हिंदुस्तान सरकार की जवाबदारी है, उसमें केंद्र को जो पैसा छत्तीसगढ़ को देना था वो पैसा नहीं दिया. बहुत बार छत्तीसगढ़ की सरकार ने निवेदन किया लेकिन केंद्र अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाती है. आज 12000 करोड़ रुपये आपके खाते में गया. हमने चुनाव में आपसे कुछ वादे किए थे, जो छत्तीसगढ़ को बदले वाले वादे थे. बिजली बिल हाफ, 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान के लिए देने का हमने वादा किया था और देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इन वादों को पूरा नहीं कर सकती. लेकिन हमने 21000 करोड़ रुपये इनपुट सब्सिडी के रूप में दिया. आदिवासियों को MSP वनोपज के लिए, स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सरकार ने काम किया है. कई वैकेंसी भरी, 1.3 लाख युवाओं को 2500 रुपये महीने का दिया.
कांग्रेस पार्टी ने जाति जनगणना कराई थी. उसमें हिंदुस्तान में हर जाति के कितने लोग हैं वो डेटा हिंदुस्तान सरकार के पास पड़ा हुआ है. वो डेटा केंद्र सरकार पब्लिक को नहीं दिखाना चाहती. मैं जैसे ही संसद में इसकी बात करता था, कैमरा मेरी तरफ से हटा दिया जाता था. हिंदुस्तान की सरकार को विधायक सांसद नहीं चलाते, बल्कि सेक्रेटरी और कैबिनेट सेक्रेटरी चलाते हैं. कोई भी योजना बनती है जो 90 सेक्रेटरी हैं वो योजना को डिजाइन करते हैं. तो मैनें चेक किया कि 90 लोगों में से मोदी सरकार में पिछड़े वर्ग के कितने लोग हैं. जानकर हैरानी हुई कि इन 90 में से सिर्फ 3 लोग ओबीसी समाज के हैं.