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Raigarh Bank Robbery : एक्सिस बैंक डकैती मामले में 24 घंटे के भीतर RAIGARH POLICE को मिली अभूतपूर्व सफलता…CM भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ पुलिस की पीठ थपथपाई


● वारदात में शामिल बिहार गया शेरघाटी गैंग के 5 आरोपी हिरासत में, बैंक से लूट की गई शत प्रतिशत राशि 5 करोड़ 62 लाख के कैश और ज्वेलरी रिकवर……

● पुलिस कंट्रोल रूम को आईजी अजय यादव और डीआईजी रामगोपाल गर्ग के बना रखा था वार रूम….

● एसएसपी सदानंद कुमार के नेतृत्व में रात भर चला आरोपियों के धरपकड़ का ऑपरेशन, रेंज के विभिन्न जिलों से ऑपरेशन में शामिल थे सायबर एक्सपर्ट अधिकारी…..

● एसपी बलरामपुर लाल उमेद सिंह के नेतृत्व में नाकेबंदी पर लगी टीम ने देर रात क्रेटा कार और ट्रक से झारखंड भाग रहे आरोपियों को पकड़ा…..

गिरफ्तार आरोपी–

(1) राकेश कुमार गुप्ता पिता गणेश साव उम्र 22 साल निवासी बार थाना शेरघाटी जिला गया बिहार

(2) उपेंद्र सिंह पिता सुंदरिका सिंह राजपूत उम्र 50 साल निवासी गुरुवा जिला गया बिहार

(3) निशांत उर्फ पंकज कुमार महतो उर्फ राजेश दास पिता जयदेव प्रसाद उम्र 32 साल निवासी खरसरी थाना मधुबन जिला धनबाद बिहार

(4) राहुल कुमार सिंह पिता उपेंद्र लाल उम्र 22 साल निवासी ग्राम डोभी थाना डोभी जिला गया बिहार

(5) अमरजीत कुमार पिता शंकर उम्र 24 साल निवासी भरारी थाना शेरघाटी जिला गया बिहार

जप्ती रूपये व ज्वेलरी–

नगद लगभग 4.19 करोड़, सोना 78 पैकेट कीमती लगभग – 1.43 करोड़ – कुल ₹5 करोड़ 62 लाख ।

हथियार, वाहन व अन्य –

एक देशी मेड राइफल, एक कट्टा, 08 कारतूस, क्रेटा वाहन, ट्रक और आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किया गया मास्क, कई चाबियां ।

रायगढ़, 20 सितंबर । एक्सिस बैंक में हुई डकैती मामले में रायगढ़ पुलिस को 24 घंटे के भीतर अभूतपूर्व सफलता हाथ लगी है । रायगढ़ पुलिस टीम ने मामले में शत प्रतिशत बरामदगी करते हुये “शेरघाटी गैंग” बिहार के 05 डकैतों को कैश, गोल्ड, हथियार एवं घटना में प्रयुक्त ट्रक, क्रेटा वाहन के साथ हिरासत में लिया गया है । कल दिनांक 19/09/2023 की सुबह रायगढ़ जिले के ढिमरापुर रोड़ स्थित एक्सिस बैंक में हथियारबंद आरोपियों द्वारा डकैती की घटना को अंजाम दिए जाने की सूचना मिलते ही रायगढ़ रेंज डीआईजी रामगोपाल गर्ग, एसएसपी रायगढ़ सदानंद कुमार व जिले के अन्य पुलिस अधिकारीगण वारदात स्थल पर पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया गया ।

तत्काल एसएसपी सदानंद कुमार द्वारा जिले में नाकेबंदी लगवाई गई और सीमावर्ती जिलों से भी जानकारी साझा कर नाकेबंदी और आरोपियों की पतासाजी के पाइंट दिये गये । मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वयं आईजी बिलासपुर श्री अजय यादव तथा डीआईजी श्री रामगोपाल गर्ग द्वारा कमान संभालते हुये अधिकारियों को मार्गदर्शन दिया गया एवं आईजी श्री अजय यादव द्वारा अन्य जिलों से काबिल अधिकारियों की टीम बुलाई गई । एसएसपी सदानंद कुमार के नेतृत्व में सर्चिंग एवं नाकाबंदी के लिए पृथक-पृथक टीमें बनाई गई । नगर पुलिस अधीक्षक श्री अभिनव उपाध्याय को सम्पूर्ण जिले में नाकेबंदी एवं हॉटल, लॉज में बाहर से आये हुये व्यक्तियों के डाटाबेस जांच का कार्य दिया गया । एसडीओपी श्री दीपक मिश्रा द्वारा सायबर, टावर डम्प/टेक्निकल एनालिसिस, ह्यूमन इंट संकलन का कार्य सौंपा गया । आईजीपी श्री अजय यादव के निर्देशन पर रेंज से एडिशनल एसपी कोरबा अभिषेक वर्मा, टीआई अभिनव कांत सिंह, राकेश मिश्रा, एसआई प्रभाकर तिवारी, सागर पाठक, एएसआई हेमंत आदित्य, कांस्टेबल डेमन ओग्रे सायबर सेल कोरबा ने भी तत्काल रायगढ़ पुलिस के मिशन को ज्वाइन किया । सभी को अलग-अलग कार्य सौंपते हुए अधिकारियों द्वारा टीम को ब्रीफ किया गया । दूसरी ओर जिले के लॉज, ढाबा, टोल नाका की सघन जांच, पूर्व में लूट डकैती में शामिल आरोपियों की जांच पतासाजी में अलग-अलग टीमें लगी हुई थी ।

जांच में जुटी टीम द्वारा एक्सिस बैंक के पास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को चेक कर अपनी जांच को आगे बढ़ाया जा रहा था जिसमें पाया गया कि घटना को अंजाम देने हेतु आरोपियों द्वारा पूर्व से रेकी की जा रही थी तथा वारदात को अंजाम देने का समय भी सुबह का चुना गया जिसे कई दिनों से आरोपियों द्वारा बैंक कर्मियों के मूव्हमेंट को वॉच किया जा रहा था तथा वारदात को अंजाम देने पश्चात भागने के लिये भी पहले ही मार्ग का चयन कर रखे थे । फुटेज खंगालने पर पता चला कि संदेही द्वारा बाइक से एक्सिस बैंक से ढिमरापुर की ओर लगातार दो-तीन बार मूव्हमेंट किये हैं और एक बैग को वापस कहीं छोड़कर फिर बगैर बैग के वापस आते दिखे जिसे आगे सीसीटीवी चेक कर मिलान करने पर एक संदिग्ध क्रेटा कार जे.एच. 01–एफ.ई 8641 की जानकारी मिली जो कि आरोपियों को पकड़ने में महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुई । जिसकी पुष्टि ग्राम बनहर नहर में लावारिस हालत में मिले मोटरसाइकिल से हुई । मोटर सायकल में फर्जी नंबर का स्टिकर लगा हुआ था, चेचिस नंबर के आधार पर लावारिस मोटरसाइकिल के झारखंड सिमडेगा थाना क्षेत्र का होना पाया गया जिसके वाहन स्वामी से संपर्क करने पर वाहन स्वामी द्वारा वाहन की पहचान की गई । बनहर नहर से आगे आरोपियों के भागने के संभावित रास्तों का पता लगाते हुए टीम पीछा कर रही थी ।

 

वहीं टोल नाके पर आरोपियों के एग्जिट और एंट्री की जानकारी जुटा रही टीम ने टेक्निकल डाटा एनालिसस पर पाया कि आरोपीगण पूर्व में 11 सिंतबर को रायगढ़ से उड़ीसा गये और फिर 18 सितंबर को उड़ीसा रोड से रायगढ़ में दोबारा प्रवेश किया । आरोपियों के मूवमेंट को ट्रैक करते हुए आगे बढ़ रही टीम द्वारा लगातार वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी साझा किया जा रहा था । इसी दौरान वरिष्ठ अधिकारियों ने आरोपियों के मिले फूटेज और ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर उनके भागने के सम्भावित रास्तों को चिन्हिांकित कर झारखंड, बिहार और उड़ीसा के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया गया जिसमें आरोपियों के बिहार-गया के शेरघाटी गैंग के होने की जानकारी प्राप्त हुई । इस गैंग के द्वारा कोरबा जिले में सीएसईबी स्थित केनरा बैंक में डकैती मामले में भी शामिल होने की जानकारी की पुष्टि हुई । आरोपियों की पहचान होते ही नाकाबंदी और तगड़ी की गई । एसएसपी सदानंद कुमार ने सोनभद्र और रामानुजगंज के इलाके में नाकेबंदी हेतु संभाग के अधिकारियों से बात की । इस बीच एक टीम झारखंड और उड़ीसा तथा अन्य राज्यों में लगातार बनी हुई थी जहां अपने स्तर पर इंटेलिजेंस कलेक्शन किया जा रहा था ।

इस ऑपरेशन के दौरान मध्य रात्रि को स्वयं आईजीपी अजय यादव, डीआईजी रामगोपाल गर्ग द्वारा पुलिस कंट्रोल रूम रायगढ़ को “वार रूम” बनाकर अधिकारियों व टीमों को लगातार दिशा निर्देश दिया जा रहा था जिसमें एसएसपी सदानंद कुमार, एसडीओपी दीपक मिश्रा, सीएसपी रायगढ़ अभिनव उपाध्याय, डीएसपी सुशांतो बनर्जी, डीएसपी निकिता तिवारी एवं रेंज से आये अन्य अधिकारी उपस्थित रहे । आईजी अजय यादव सर के नेतृत्व में ब्रेन स्ट्रार्मिंग कर आरोपियों के द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले सम्भावित सभी मार्गों की मैपिंग की गई जो टोल प्लाजा में उनके मूव्हमेंट के संबंध में मिली जानकारी पर आधारित थी । अत: सभी संबंधित जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सघन चेकिंग और नाकेबंदी के लिये सूचित किया गया । रायगढ़ एसएसपी श्री सदानंद कुमार के द्वारा अपने पूर्व के स्थानीय आसूचना तंत्र को क्रियान्वित करते हुये संदिग्ध आरोपियों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी एकत्रित की जिसके परिणाम स्वरूप संदिग्ध क्रेटा वाहन के रामानुजगंज क्षेत्र में स्पॉट होने की जानकारी मिली । तत्काल बलरामपुर पुलिस से जानकारी साझा किया गया । एसपी बलरामपुर श्री लाल उमेद सिंह स्वयं नाकेबंदी की कमान संभाले हुए थे जिनकी सूझबूझ से संदिग्ध क्रेटा वाहन को कब्जे में लिया गया जिसमें 02 संदेही मौजूद थे । हिरासत में लेने के पश्चात संदेहियों से पूछताछ में अन्य आरोपियों की जानकारी मिली जो पीछे एक ट्रक ओडी 09 बी 3677 में आ रहे थे, जैसे ही ट्रक को रोकने के लिये पुलिस ने घेराबंदी की उसमें बैठे 02 संदेही भाग निकले । ट्रक चालक को पुलिस द्वारा फौरन हिरासत में लिया गया । आरोपी वाहन चालक से फरार हुये अन्य दो आरोपियों के संबंध में जानकारी ली गई जिसे अंबिकापुर साइबर सेल की टीम को साझा किया गया, टीम ने आगे रंका (पलामू) क्षेत्र में तैनात अपनी टीम को डिटेल शेयर किये, 02 आरोपियों को टीम ने बस में भागते हुए पकड़ा । हिरासत में लिये गये 05 आरोपियों से पूछताछ पश्चात विधिवत तलाशी ली गई, आरोपियों के पास से – एक देसी मेड राइफल, एक कट्टा, 08 कारतूस, क्रेटा वाहन जेएच 01 – एफ ई 8641, एक ट्रक ओडी 09 बी 3677 और आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किया गया मास्क, कई चाबियां की जप्ती तथा बैंक से लूट किए गए रूपयों आभूषणों की रिकवरी की गई है । आरोपियों द्वारा ट्रक के अंदर बोरियों में बैग से भरा रूपयों को छिपा कर रखा गया था। मामले में रायगढ़ पुलिस द्वारा शत प्रतिशत रिकवरी किया गया, बरामद रकम को स्थानीय एक्सिस बैंक मैनेजर के साथ बलरामपुर और रायगढ़ पुलिस के निरीक्षकों द्वारा गणना की गई । हिरासत में लिये गये गया बिहार के शेरघाटी इलाके के 05 डकैतों को रायगढ़ लाया गया है जिनसे उनके अन्य साथियों की डिटेल प्राप्त की गई है । पुलिस की टीम लगातार फरार आरोपियों की धरपकड़ के लिए छापेमारी कर रही है। बिहार के गया शेरघाटी डकैत गिरोह के आरोपी अमरजीत कुमार और राजेश दास के संबंध में बिहार के कई जिलों में अपहरण, चोरी, लूट आदि के कई मामले सामने आये हैं । अन्य आरोपियों के भी कई राज्यों में लूट, डकैती जैसे वारदातों को अंजाम देने की जानकारी मिली है, रायगढ़ पुलिस द्वारा सभी राज्यों को जानकारी साझा कर आरोपियों के अपराधिक रिकार्ड भी प्राप्त किए जा रहे हैं । थाना कोतवाली रायगढ़ में आरोपियों पर डकैती व आर्म्स एक्ट की सुसंगत धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर आगे की कार्यवाही की जा रही है ।

आईजी बिलासपुर अजय यादव तथा डीआईजी रामगोपाल गर्ग के मार्गदर्शन एवं एसएसपी सदानंद कुमार के नेतृत्व में एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा, एएसपी संदीप मित्तल, एसडीओपी खरसिया निमिषा पांडेय, एसडीओपी धरमजयगढ़ दीपक मिश्रा, नगर पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय, डीएसपी सुशांतो बनर्जी, डीएसपी निकिता तिवारी, डीएसपी के.के. वासनिक, निरीक्षक शनिप रात्रे, प्रशांत राव आहेर, शरद चन्द्रा, आर्शीवाद राहटगांवकर, हर्ष वर्धन सिंह बैस, सुखनंदन पटेल, रामकिंकर यादव, कृष्णकांत सिंह, राकेश मिश्रा, अभिनवकांत सिंह, विजय चेलक, एस.आई. संजय नाग, कमल किशोर पटेल, सागर पाठक, दीपिका निर्मलकर, ए.एस.आई. इगेश्वर यादव, दिलीप बेहरा, रमेश शर्मा, प्रधान आरक्षक राजेश पटेल, दुर्गेश सिंह, बृजलाल गुर्जर, सतीश पाठक, लोमश राजपूत, रेणु मंडावी, आरक्षक जगमोहन ओग्रे, उत्तम सारथी, मनोज पटनायक, जगन्नाथ साहू, संतोष जायसवाल, कोमल तिवारी, धर्नुजय बेहरा, विनय तिवारी, बालचंद राव, धर्मेंद्र प्रताप सिंह, प्रशांत पडां, महेश पंडा, विक्रम सिंह, विकास प्रधान, सुरेश सिदार, नरेश रजक, रविन्द्र गुप्ता, नवीन शुक्ला, धनंजय कश्यप, पुष्पेन्द्र जाटवर, नंदू पैंकरा, सुरेन्द्र पोर्त, डेमन ओग्रे और प्रमोद सागर आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।

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