धारा न्यूज़ @ बिलासपुर
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राजनांदगांव जिले के ठेलकाडीह से बोरई, नगपुरा, मालूद, बेलौदी होते हुए चिखली तक एडीबी प्रोजेक्ट के माध्यम से सड़क का चौड़ीकरण किया जा रहा है जिसके जद में इन गांवों के प्रचलित आबादी क्षेत्र के पट्टा और लगानी जमीन भी आ गया है लेकिन शासन द्वारा पट्टे की भूमि को सरकारी भूमि मानकर प्रभावितों को भू अर्जन अधिनियम 2013 और राज्य के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन नीति के प्रावधानों के अनुसार मुआवजा और क्षतिपूर्ति प्रतिकर की राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है, सड़क चौड़ीकरण से प्रभावितों ने कलेक्टर दुर्ग और एडीबी प्रबंधन को नियमानुसार मुआवजा और क्षतिपूर्ति राशि देने की मांग को लेकर आवेदन किये हैं, छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के नेतृत्व में कलेक्टर, एसडीएम और प्रोजेक्ट के अधिकारियों से प्रत्यक्ष भेंट करके न्याय की गोहार भी लगाया है किंतु शासन प्रशासन ने प्रभावितों के आवेदन निवेदन पर ध्यान नहीं दिया,
शासन प्रशासन की उदासीनता से क्षुब्ध होकर क्षेत्र के 20 प्रभावितों ने एड. राजकुमार गुप्त, एड. साल्विक तिवारी और एड. आश्विन पणिकर के माध्यम से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के समक्ष डायरेक्शन के लिये रिट याचिका प्रस्तुत किया जिनका निराकरण करते हुए माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीश फिलिप कोशी ने दुर्ग के कलेक्टर को 60 दिन में आवेदनों का निराकरण करने का निर्देश दिया है।