अधिकांश बच्चों एवं उनके माता-पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे बड़े होकर कोई उच्च प्रशानिक अधिकारी बनें और देश की सेवा करें। स्नातक की शिक्षा के दौरान या उसके कुछ समय पश्चात उनका लक्ष्य निर्धारित होने लगता है और अधिकांश बच्चों का झुकाव सिविल सेवा की तैयारी के प्रति हो जाता है। ऐसे में उन्हें उनकी संपूर्ण तैयारी में किसी कोचिंग का मार्गदर्शन लेने की आवश्यकता पड़ सकती है।फिर एक बड़ी समस्या उत्पन्न होती है कि UPSC Coaching कहाँ करें- किसी स्थानीय कोचिंग को ज्वाइन करें, प्रयागराज जाएँ या दिल्ली। इस असमंजस की स्थिति से निकलने के लिए हम यहाँ कुछ टिप्स दे रहें हैं, जिसको आप ध्यान में रखकर अपनी तैयारी शुरू कर सकते हैं।
सिविल सेवा परीक्षा की प्रकृति
सिविल सेवा की परीक्षा त्रिचरणीय है और भारत की कठिनतम परीक्षाओं में से एक है.तीनों चरण अलग-अलग प्रकृति के होते हैं और सभी चरणों में अभ्यर्थियों के अलग-अलग पक्षों के बारें में जानने का प्रयास यूपीएससी द्वारा किया जाता है। तीनों चरणों की प्रकृति और इनमें अभ्यर्थियों से क्या जानने का प्रयास किया जाता है, आईये इसके बारे में जानें:
- प्रथम चरण को प्रारंभिक परीक्षा कहते हैं और यह बहु विकल्पीय प्रकृति का होता है और इसमें अभ्यर्थियों से उनके बौद्धिक, तार्किक, समसामयिक घटनाओं के प्रति अद्यतन रहने का आकलन किया जाता है।
- द्वितीय चरण लिखित प्रकृति का होता है, जिसे मुख्य परीक्षा कहते हैं.इसमें सामान्य अध्ययन, निबंध सहित एक वैकल्पिक विषय शामिल होता है। इस परीक्षा में अभ्यर्थियों के प्रस्तुतिकरण, विश्लेषण क्षमता, वैकल्पिक विषय का सिविल सेवा में उपयोग कैसे करें आदि की परीक्षा की जाती है।
- तृतीय चरण को सामान्यतः इन्टरव्यू कहते हैं, किंतु यूपीएससी के गजेटियर में इसे व्यक्तिव परीक्षण के रूप में उल्लिखित किया गया है। वस्तुतः यह आपका व्यक्तित्व परीक्षण ही होता है, जिसमें इस बात की जांच की जाती है कि आपका व्यक्तित्व सिविल सेवा की मांग के अनुकूल है या नहीं। इसमें आपके धैर्य, अपनी बात को मजबूती से तर्कों के आधार पर रखने की अपेक्षा की जाती है।
- इसमें प्रारंभिक परीक्षा स्क्रीनिंग परीक्षा होती है, जिसको उत्तीर्ण करने के बाद ही आप मुख्य परीक्षा में बैठते हैं। मुख्य परीक्षा और व्यक्तिव परीक्षण का नंबर जोड़कर मेरिट तैयार किया जाता है और उसी के आधार पर सिविल सेवा में आपका चयन होता है।
क्या सिविल सेवा की तैयारी के लिए कोचिंग जरुरी है
ऊपर आपको सिविल सेवा परीक्षा की जटिलता के बारे में बताया गया। इतनी जटिल, बहुचरणीय एवं बहु विषयक परीक्षा की तैयारी स्वयं करना एक कठिन काम है क्योंकि एक-एक विषय की समझ बनाने में अनेक महीने लग सकते हैं। इसी कारण हमें कोचिंग की आवश्यकता पड़ती है, जहाँ कम समय में इन विषयों की सिविल सेवा की परीक्षा के अनुरूप एक अच्छी समझ विकसित कर दी जाती है ।
सिविल सेवा में हिंदी माध्यम की स्थिति
पिछले एक दशक का इतिहास देखें तो हिंदी माध्यम में सफलता का अनुपात गिरा था। किंतु पिछले कुछ वर्षों से तस्वीर बदल रही है और हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों का सेलेक्शन अनुपात बढ़ने लगा है। यदि हिंदी माध्यम के अंतिम परिणाम की बात करें,तो चयनित छात्रों का संबंध कहीं न कहीं संस्कृति आईएएस से जुड़ा होता है।
तैयारी कैसे शुरू करें
अब सवाल उठता है कि, इतनी कठिन और अधिक चरणों वाली परीक्षा की तैयारी कब, कहाँ से और कैसे शुरू करें। मेरे अनुसार, यदि आपने स्नातक के दौरान ही इस परीक्षा की तैयारी का मन बना लिया है तो उसी समय यदि संभव हो पाए तो एनसीईआरटी एवं कुछ स्तरीय पुस्तकों का चयन कर अपनी तैयारी शुरू कर दें। यदि आपको लगता है कि आपको इसी समय कोचिंग ज्वाइन कर लेना चाहिए तो अवश्य कर सकते हैं।
तैयारी के लिए कहाँ जाएं
जब तैयारी के लिए आपका मन किसी कोचिंग को ज्वाइन करने का बन जाता है तो फिर एक सवाल उठता है, कि कोचिंग के लिए कहाँ जाएं। किसी स्थानीय कोचिंग को ज्वाइन करें, प्रयागराज जाएं या दिल्ली। आपके इस सवाल का उत्तर प्रत्येक वर्ष सिविल सेवा में चयन होने वाले अभ्यर्थियों से मिल सकता है, जिनके बारे में आप जानकारी न्यूज पेपर या गूगल पर किसी साईट को खोजकर प्राप्त कर सकते हैं। इनसे मिली जानकारी के आधार पर आप अपना निर्णय ले सकते हैं कि आपको कोचिंग कहाँ करनी है।
हिंदी माध्यम की तैयारी के लिए दिल्ली बेहतर क्यों?
यदि आप न्यूज पेपर या गूगल पर किसी साईट को देखेंगे तो आपको यही जानकारी मिलेगी कि हिंदी माध्यम हो या अंग्रेजी माध्यम दोनों में सिविल सेवा में अभ्यर्थियों का सेलेक्शन अनुपात अन्य स्थानों की अपेक्षा दिल्ली में अधिक है। जब आप दिल्ली आयेंगे, तो यहाँ आपको बहुत सारे कोचिंग संस्थान मिलेंगे। फिर आप असमंजस की स्थिति में आ जाएंगे। यहाँ हम दिल्ली में हिंदी माध्यम के कुछ प्रमुख कोचिंग संस्थानों की सूची दे रहे हैं-
- संस्कृति आईएएस
- ध्येय आईएएस
- जी.एस. वर्ल्ड
- दीक्षांत आईएएस
- दृष्टि आईएएस, आदि
किसी भी कोचिंग का चयन किस आधार पर करें
किसी भी कोचिंग को ज्वाइन करने से पहले उसके बारे में जानकारी अवश्य इकठ्ठा करें. किसी कोचिंग की गुणवत्ता के सामान्य मानक इस प्रकार हो सकते हैं-
- वहां के शिक्षक के बारे में जानकारी प्राप्त करें
- पहले से पढ़ रहे छात्रों से भी जानकारी प्राप्त करें
- अध्ययन सामग्री की गुणवत्ता देखें
- डेमो क्लास करें
- सेलेक्शन अनुपात देखें
पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही कोई कोचिंग ज्वाइन करें।
दिल्ली में हिंदी माध्यम में संस्कृति आईएएस बेहतर क्यों
दिल्ली आने के बाद आप यहाँ पहले से तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों से बात करें, वे आपको संस्कृति आईएएस के बारे में जरुर बताएंगे। आईये हम आपको इसके बारे में कुछ जानकारी देते हैं-
- यह दिल्ली में हिंदी माध्यम में सर्वाधिक चयन देने वाला कोचिंग संस्थान है।
- अपने विषयों में पारंगत भारत के सर्वश्रेष्ठ अध्यापक आपको एक मंच पर मिलते है। यहाँ आपको श्री अखिल मूर्ति (इतिहास, कला एवं संस्कृति), श्री अमित कुमार सिंह(एथिक्स), श्री ए.के. अरुण (भारतीय अर्थव्यवस्था), श्री सीबीपी श्रीवास्तव(राजव्यवस्था,सामाजिक न्याय,गवर्नेंस,आंतरिक सुरक्षा), श्री कुमार गौरव (भूगोल), श्री राजेश मिश्रा(भारतीय राजव्यवस्था,अंतर्राष्ट्रीय संबंध), श्री रीतेश आर. जायसवाल (सामान्य विज्ञान, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) जैसे अध्यापकों का मार्गदर्शन मिलता है।
- यहाँ के सभी अध्यापकों का सिविल सेवा में शिक्षण का एक लंबा अनुभव है।
- इन अध्यापकों के मार्गदर्शन में अनेक अभ्यर्थियों का सिविल सेवा में चयन हो चुका है।
- छात्र- शिक्षक प्रत्यक्ष आपसी संवाद होता रहता है।
- व्यक्तिगत मार्गदर्शन मेंटरशिप की भी सुविधा।
- सिविल सेवा के पाठ्यक्रम के अनुरूप अद्यतन कंटेंट तैयार करने लिए एक सक्षम टीम काम करती है।
- प्रतिदिन आपको वेबसाइट पर महत्वपूर्ण न्यूज का अपडेट, न्यूज बुलेटिन, परीक्षा अनरूप प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा का प्रश्न प्रारूप मिलता रहता है।
- संस्कृति आईएएस का मैगजीन भी मिलता है।
- उत्तर लेखन एवं मूल्यांकन पर विशेष।
उपर्युक्त आधारों पर तैयारी की शुरुआत की जा सकती है।यदि आप हिंदी माध्यम से तैयारी कर रहे हैं तो संस्कृति आइएएस आपके लिए बेहतर विकल्प है, क्योंकि हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए यह सर्वश्रेष्ठ संस्थान है।