गुलाब देशमुख @ दुर्ग
दुर्ग जिला पंचायत क्षेत्र के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के मध्य कड़ी टक्कर थी कांग्रेस के रिपोर्ट में भी प्रत्याशी कमजोर थी उसके बावजूद कांग्रेस के एक बड़े नेता ने पूरे कार्यकर्ताओं की नाराजगी से लेकर कमजोर प्रत्याशी को मजबूत बना कर खड़ा कर दिया लेकिन इस चुनाव का क्रेडिट उसने अपने कंधे पर भी नहीं लिया। दरअसल में जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष राजेंद्र साहू जो प्रदेश कांग्रेस कमेटी में महामंत्री भी है। इस उपचुनाव निर्वाचन में अहिवारा एवं दुर्ग ग्रामीण विधानसभा के गांव सम्मिलित थे। मंत्री ताम्रध्वज साहू एवं रुद्रगुरु का इलाका कहा जाने वाला क्षेत्र दरअसल में कांग्रेस के लिए बड़ी कमजोर कड़ी थी उसे मजबूत करने के लिए प्रदेश महामंत्री राजेंद्र साहू ने अपनी कुशल रणनीति से न सिर्फ पार्टी को जीताया बल्कि बड़े अंतर से चुनाव में भाजपा को पटखनी दे दी।
वैसे तो राजेंद्र साहू मीडिया व सोशल मीडिया में काफी सक्रिय रहते हैं लेकिन उनकी दूरगामी सोच के कारण इस चुनाव के जीत के बावजूद उन्होंने ना तो सोशल मीडिया में कोई पोस्ट किया ना ही मीडिया में इसके बारे में कोई उल्लेख किया।
आपको बता दें कि सीएम भूपेश बघेल के विधानसभा चुनाव में भी राजेंद्र साहू ने अहम भूमिका निभाई थी। ऐसा माना जा रहा था कि ग्रामीण में राजेंद्र साहू की एंट्री से नई राजनीति का जन्म होगा लेकिन पीसीसी के महामंत्री राजेंद्र साहू सारे समीकरणों को ध्वस्त कर देते हैं उन्होंने इस जीत से संबंधित कोई भी पोस्ट सोशल मीडिया में नहीं डाली। नहीं प्रचार के दौरान उन्होंने कोई फोटो शेयर किया।
प्रदेश महामंत्री व जिला सहकारी केंद्रीय बैंक अध्यक्ष
यही उनकी कार्यकुशलता और कुशल रणनीति व बड़ी गंभीरता का परिचायक रहा। कांग्रेस ने उपचुनाव को आसानी से जीत लिया।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है लेकिन इस उपचुनाव में कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं थी।
एंटी इनकंबेंसी को भी राजेंद्र साहू ने अपनी पूर्व राजनीतिक अनुभव का पूरा लाभ उठाते हुए दूर कर दिया। किस कार्यकर्ता का क्या मान सम्मान है, और कैसे काम करना है उन्हें भली-भांति समझकर जो नाराजगी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में थी उसको भी उन्होंने चुटकी बजाकर दूर कर दिया। सत्ता में होते हुए भी कई कांग्रेसियों के काम नहीं होने के कारण भी क्षेत्र में नाराजगी थी,रसमड़ा में धूल, धुआं, डस्ट के कई मामले आए दिन आते रहे हैं। खबरें बड़ी-बड़ी प्रकाशित हुई उसके बावजूद कांग्रेस की प्रत्याशी ने रसमड़ा में ही 850 मतों से भी ज्यादा अंतर से जीत हासिल की जबकि कांग्रेस प्रत्याशी के लिए खुद का गांव रसमड़ा ही टेढ़ी खीर थी।
भले ही इसका श्रेय कांग्रेस के कार्यकर्ता अपने किसी नेता को देते होंगे लेकिन सच्चाई यही है अगर सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष राजेंद्र साहू ने मोर्चा नहीं संभाला होता तो कांग्रेस इस उपचुनाव में इतने बड़े अंतर से चुनाव नहीं जीत पाती।
उन्होंने चुनाव की जीत के बाद कहा कि भाजपा के नेता जिनको विधानसभा चुनाव लड़ना है वहीं भाजपा का प्रचार कर रहे थे, सभी विधानसभा के दावेदार ही सक्रिय थे। उन्होंने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इस जीत का श्रेय कार्यकर्ताओं को दिया।