दुर्ग जिले के अंजोरा ख में रोड किनारे शराब भट्टी को हटाने की मांग करने पर कुछ ग्रामीणों ने सोशल मीडिया पर सरपंच संगीता साहू और पंचायत के जनप्रतिनिधियों के दोहरे चरित्र पर सवाल उठाया है। यह भी सवाल उठ रहा है कि बार संचालित करने वालों को एनओसी कौन दिया है।
मामला को समझे
अंजोरा में रोड किनारे शराब भट्टी जिससे लगातार दुर्घटनाएं होते रहती है यहीं पर एक निजी बार भी संचालित होता है। 21 जून को विधायक ललित चंद्राकर को पंचायत प्रतिनिधियों ने शराब भट्टी हटाने ज्ञापन सौंपा था। इसके लगभग 10 दिन बाद कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया गया।
इसके बाद मामले पर कुछ ग्रामीणों ने सवाल उठा दिया है।
दरअसल में गांव के कौशल देशमुख ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है इस पर
ग्रामीण लालचंद साहू के टिप्पणी ने मामले को दूसरा ही मोड़ दे दिया है।
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उन्होंने इसी शराब भट्टी के समीप ही निजी क्लब में बार संचालित होने और उसको फायदा पहुंचाने की नीयत से भट्टी बंद कराने की राजनीति करने का आरोप लगा दिया है। उन्होंने इस पोस्ट पर लंबा चौड़ा कमेंट किया है। उन्होंने कहा कि एक ही जगह पर बार है और उसी जगह पर भट्टी है। सोसल मीडिया में ग्रामीण लालचंद द्वारा भट्ठी और बार को बंद करवाने की बात की जा रही है। वहीं गांव में अवैध कबाड़ी चलाने में संरक्षण पर सवाल उठा दिया है। कुल मिलाकर गांव में राजनीतिक माहौल बन गया है। सोशल मीडिया पर टीका टिप्पणी के साथ व्हाट्सएप पर भी अनेक प्रकार के बयान बाजी जारी है।
फिर हाल शराब भट्टी बंद होगी कि नहीं यह अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन माहौल पूरा राजनीति भरा हो चुका है। वही गांव में अगर अवैध कबाड़ी संचालित है तो पुलिस क्या कर रही है यह भी बड़ा सवाल है।