गुलाब @ अंजोरा

डॉ. शैलेंद्र कुमार तिवारी अधिष्ठाता पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा, पूर्व निदेशक शिक्षण, दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग एवं प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष पशु शल्य चिकित्सा और विकिरण चिकित्सा विभाग को वर्ष 2022 के गौरव रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार पशुधन समृद्धि भारत द्वारा प्रदान किया गया है। डॉ. शैलेंद्र कुमार तिवारी ने बी.व्ही.एस.सी. एंड ए.एच. एवं एम.व्ही.एस.सी. की उपाधि जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर मध्यप्रदेश से क्रमशः वर्ष 1983 एवं 1988 में प्राप्त किया ।उन्होंने दोनों उपाधियों में गोल्ड मेडल प्राप्त किया है । डॉ. तिवारी ने अपने पीएचडी डिग्री वर्ष 1996 में जी.बी. पंत कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय पंतनगर, उत्तराखंड से प्राप्त किया है ।पी.एच.डी. डिग्री इन्होंने प्रसिद्ध सर्जन प्रोफेसर अमरेश कुमार के सानिध्य में प्राप्त किया । डॉ. तिवारी को आई.सी.ए.आर. नई दिल्ली द्वारा वर्ष 1998 में श्रेष्ठ पी.एच.डी. थीसिस के लिए “जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार” से सम्मानित किया गया है । यह अवार्ड उन्हें अपने पी.एच.डी. थीसिस “Reversal of anaesthesia in large animals after surgery to avoid prolong recumbency” के उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रदान किया गया था। डॉ. तिवारी ने अपना सर्विस कैरियर सहायक पशुचिकित्सा शल्यज्ञ के रूप में 1985 में प्रारंभ किया। वे वर्ष 2003 में प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष बने एवं वर्ष 2014 में निदेशक शिक्षण, दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग के पद हेतु चयनित हुए । डॉ.तिवारी ने अधिष्ठाता, पशु चिकित्सा एवं पशु पालन महाविद्यालय, दुर्ग का प्रभार 12 मार्च 2020 को ग्रहण किया । अपने शैक्षणिक कैरियर में डॉ.तिवारी ने बहुत से अवार्ड प्राप्त किए जैसे- बी.व्ही.एस.सी. एंड ए.एच. ए्वं एम.व्ही.एस.सी. हेतु यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडल, आर.के.गंभीर गोल्ड मेडल, बेहरे गोल्ड मेडल, पटवर्धन गोल्ड मेडल, जवाहरलाल नेहरू अवॉर्ड, आई.सी.ए.आर. जूनियर फेलोशिप, आई.सी.ए.आर. सीनियर फेलोशिप, कामनवेल्थ फेलोशिप इत्यादि। डॉ.तिवारी को पशुचिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में शैक्षणिक, अनुसंधान एवं विस्तार कार्यो में 32 वर्षों का अनुभव है। इन्होंने अपने शैक्षणिक करियर में 29 एम.व्ही.एस.सी. और 02 पी.एच.डी.थीसिस को गाईड किया है। डॉ. तिवारी ने बहुत से पुरस्कार प्राप्त किए हैं जिसमें मुख्य है – बेस्ट टीचर अवॉर्ड, भारत ज्योति अवॉर्ड, ए.के.भार्गव मेमोरियल अवॉर्ड, पशुधन सिल्वर जुबली अवार्ड, कृषि शिरोमणि अवार्ड,एन.ए.व्ही.एस. फेलो, आई.एस.व्ही.एस. फेलो, एन.ए.व्ही.एस. एग्जीक्यूटिव काउंसिल मेंबर। डॉ. तिवारी आई.सी.ए.आर. एडहॉक प्रोजेक्ट “Urolithasis in animals” के मुख्य निवेशक रहे हैं। इस प्रोजेक्ट का कुल बजट 27.85 लाख था। डॉ.तिवारी ने अपने अनुसंधान कार्यों को भारतीय एवं विदेशी जनरल्स में प्रकाशित किया है। डॉ. तिवारी के कुल 269 शोध पेपर है। डॉ. तिवारी, दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग के पिछले 6 वर्षों से विद्या परिषद्, प्रशासनिक परिषद एवं कार्य परिषद के सदस्य हैं। डॉ. तिवारी एन.ए.व्ही.एस.के गवर्निंग काउंसिल के पिछले 3 वर्षों से सदस्य हैं। डॉ.तिवारी ने वर्ष 2018 में “Textbook of Anaesthesia and Analgesia” शीर्षक पर एक पुस्तक प्रकाशित की है यह पुस्तक नई दिल्ली, प्रकाशक नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित की गई है। डॉ. तिवारी पूरे छत्तीसगढ़ में छोटे एवं बड़े पशुओं की शल्य क्रिया के लिए प्रसिद्ध है । इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.एन.पी.दक्षिणकर, कुलसचिव डॉ.आर.के.सोनवाने, निदेशकगण, विश्वविद्यालय जनसंपर्क अधिकारी डॉ.दिलीप चौधरी, प्राध्यापकगण, कर्मचारीगण एवं छात्रों ने हर्ष व्यक्त करते हुए शुभकामनाएं बधाई प्रेषित की।
