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डूमरडीह में मध्यान्ह भोजन के सोयाबड़ी और आलू की सब्जी में मिला कीड़ा

खोमेंद्र साहू @ उतई 6267616871

  • बच्चों को नहीं परोसा गया सब्जी
    बच्चों की थाली में सब्जी के जगह मिला केवल आचार
    महिला समूह कर रही हैं सामानों की सप्लाई


दुर्ग विकासखंड अन्तर्गत ग्राम डूमरडीह के प्राथमिक पाठशाला एवं मिडिल स्कूल में शुक्रवार को बनाए जा रहे हैं मध्यान्ह भोजन में काफी मात्रा में कीड़े पाए गए है।
दरअसल सोयाबड़ी और आलू की सब्जी मध्यान्ह भोजन में बच्चों के लिए तैयार किए गए थे जिसमें सब्जी बनने के बाद बड़ी मात्रा में कीड़े जो थे मरकर सब्जी के ऊपर तैरने लगे। रसोइयों ने जब सब्जी को देखा तो इसकी सूचना शाला प्रबंधन समिति सहित अन्य को दी गई। इस मौके पर गांव के धनंजय कुर्रे भी पहुंचे थे जिसने इसकी पूरी तस्दीक की और मिडिल स्कूल में जो सोयाबड़ी तल कर रखी गई थी उसे सब्जी बनाने के लिए मना किया गया। धनंजय कुर्रे ने उपसरपंच प्रदीप पाटिल को भी सूचना दी।
मिडिल स्कूल में बच्चों को आलू सब्जी दी गई वहीं प्राइमरी स्कूल में बच्चे आचार से मन मनाकर रह गए।
कीड़ों और इल्ली के बारे में सूचना मिलने पर शासन प्रशासन को भी अवगत कराया गया है।
समय रहते जानकारी हो जाने पर बच्चों को फूड पॉयजनिंग से बचाया जा सका है नहीं तो बड़ी दुर्घटना भी हो सकती थी।
शाला के संकुल समन्वयक सावत राम साहू ने कहा कि सोया बड़ी सप्लायर एजेंसी द्वारा सप्लाई की गई थी स्कूल प्रशासन ने तत्काल सब्जी परोसने से रोका है बच्चों को आचार दिया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल ने इस पर उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
सोयाबड़ी के सैंपल लिए जाने के निर्देश भी स्कूल प्रशासन को दिए हैं।

आखिर सोया प्रोडक्ट सवालों के घेरे में क्यों?
शासन स्तर पर बच्चों के मध्यान्ह भोजन में पौष्टिक आहार के रूप में सोया उत्पादों को शामिल किया जाता रहा है लेकिन चाहे सोया मिल्क के मामले हो या सोया चिक्की या सोयाबड़ी हो सोयाबीन से बनने वाले उत्पाद में कीड़े, इल्ली मिल ही जाते हैं और इनकी पौष्टिकता पर सवाल खड़े हो रहे हैं जिससे बच्चों को पौष्टिक आहार मिलने में कठिनाई हो रही है।
सोया उत्पाद सप्लाई करने वाले फर्म पर हो कार्रवाई- प्रदीप पाटिल
ग्राम के उपसरपंच प्रदीप पाटिल ने कहा कि सोया बड़ी में इतनी ज्यादा मात्रा में कीड़े हैं इसकी उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए खाद्य सामग्रियों की क्वालिटी की जांच होनी चाहिए और सप्लायर एजेंसी पर कड़ी एवं प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि किसी बच्चे के स्वास्थ्य पर विपरीत असर ना हो।

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Author: dhaaranews

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