Sankashti Chaturthi 2023: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बल, बुद्धि, विद्या और धन-धान्य का आशीर्वाद पाने के लिए चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. किसी भी महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. भाद्रपद चतुर्थी तिथि के दिन हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी व्रत (Heramba Sankashti Chaturthi 2023) रखा जाता है, साथ ही इस दिन बहुला चतुर्थी व्रत (Bahula Chaturthi 2023) भी रखते हैं जिसमें गाय की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं, भाद्रपद चतुर्थी तिथि का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है.
भाद्रपद चतुर्थी 2023 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, 02 सितंबर को रात 08:49 बजे से 03 सितंबर शाम 6:24 बजे तक भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि रहेगी . संकष्टी चतुर्थी और बहुला चतुर्थी व्रत 03 सितंबर 2023, रविवार के दिन रखा जाएगा. इस दिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग और वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जिसे पूजा-पाठ के लिए बहुत ही अच्छा समय माना जाता है.
भाद्रपद चतुर्थी व्रत पूजा विधि
– भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन ब्रह्ममुहूर्त में सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें.
– अब अपने घर में अगर मंदिर हैं तो उसमें भगवान गणेश के सामने दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लें.
– शाम के समय भगवान गणेश, भगवान श्री कृष्ण और गौ माता की उपासना करें.
– चंद्रोदय के समय एक लोटे में दूध भरकर चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करें, और चंद्र ग्रह का बीज मंत्र जपें – ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:। ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:। ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:।
– इस दिन बहुला चतुर्थी व्रत कथा का पाठ जरूर करें.
– अंत में भगवान गणेश और गौ माता की आरती के साथ पूजा संपन्न करें.
भाद्रपद मास चतुर्थी 2023 महत्व
भाद्रपद कृष्ण चतुर्थी व्रत हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है. यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है, जो हमारे जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति के लिए प्रसन्न होने में मदद करते हैं. इस व्रत को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. व्रत के दौरान, भक्त गणेश जी की पूजा, व्रत कथा सुनना और व्रत के नियमों का पालन करते हैं. यह व्रत भक्तों को आत्मिक और मानसिक शुद्धि प्रदान करता है और उन्हें गणेश जी के आशीर्वाद दिलाता है. हिन्दू धर्म में इसे हेरंब संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जानते हैं. इस दिन भक्त गणेश जी की पूजा, व्रत कथा का पाठ और व्रत के नियमों का पालन करते हैं. यह व्रत भक्तों को संकटों से मुक्ति, सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति में मदद करता है. इसका महत्व भक्तों के जीवन में आनंद और शांति का संचार करने में है.
बहुला चतुर्थी व्रत हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है. यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और उसकी कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए किया जाता है. इस व्रत को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. व्रत के दौरान, भक्त विष्णु जी की पूजा, व्रत कथा सुनना और व्रत के नियमों का पालन करते हैं. यह व्रत भक्तों को आत्मिक और मानसिक शुद्धि प्रदान करता है और उन्हें विष्णु जी के आशीर्वाद दिलाता है. इस दिन अगर आप गाय की पूजा करते हैं तो आपको इससे विशेष लाभ मिलते हैं. जीवन की सारी परेशानियां मात्र इस एक दिन गाय की सेवा से दूर होती हैं.
अब आप किस व्रत का पालन करते हैं ये आपकी धार्मिक परंपरा पर निर्भर करता है. नाम अनेक हैं लेकिन इनसे मिलने वाले लाभ एक ही हैं. तो आप अपनी श्रद्धा और परंपरा के अनुसार भाद्रपद की चतुर्थी तिथि के दिन पूजा अर्चना करें, व्रत रखें और नियमों का पालन करें.