@ उतई/ गुलाब देशमुख


- जरूरत मंदों को आवास और पेंशन देने में केंद्र और राज्य सरकारें गंभीर नहीं, उनकी रूचि सिर्फ ढिंढोरा पीटने में है
- पेंशन की राशि बढ़ाकर 1 हजार करने का चुनावी वायदा पूरी करे बघेल सरकार
- 20 साल पुरानी बीपीएल और 10 साल पुरानी सर्वे सूची पेंशन के लाभ में सबसे बड़ी बाधा, सूची को हर साल अद्यतन करे सरकार
- पुरई में छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के आवास पेंशन सम्मेलन में जुटी जरूरतमंदों की भीड़
छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंंच द्वारा दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के पुरई गांव में आवास और पेंशन पर सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें आस पास के अनेक गांव के आवास और पेंशन के जरूरतमंद सैकड़ों की संख्या में शामिल हुए, उन्होंने सम्मेलन में अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि उन्हें इसलिये पेंशन के लाभ से वंचित किया जा रहा है कि उनके नाम 2001 के बीपीएल सूची या 2011 के सर्वे सूची में नहीं है, कुछ अन्य लोगों ने बताया कि उन्होंने आवास के लिये आवेदन किया है पात्रता सूची में नाम भी है किंतु दो तीन साल से इन्हें राशि नहीं मिली है,
सम्मेलन में शामिल आवास और पेंशन के जरूरतमंदों को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के दुर्ग ग्रामीण जिला अध्यक्ष ढालेश साहू ने कहा कि पेंशन के लाभ के राह में 20 साल पुरानी सूची सबसे बड़ा रोड़ा है, केंद्र और राज्य सरकारे जरूरत मंदो को लाभ पहुंचाने के मामले में गंभीर नहीं है उनकी रूचि सिर्फ ढिंढोरा पीटने में है, सूची हर साल अद्यतन करने के लिये संघर्ष करना होगा,
राज्य के बघेल सरकार को निशाने में लेते हुए छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के अध्यक्ष एड. राजकुमार गुप्त ने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने पेंशन राशि को बढ़ाकर 1 हजार रूपये करने का वायदा किया था जिसे साढ़े तीन साल बाद भी सरकार ने पूरा नहीं किया है,
सम्मेलन में बालाराम साहू, बलरामसिंह राजपूत, खोमेंद्र साहू, किसान नेता उत्तम चंद्राकर सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जन शामिल थे।
