
दिल्लीवार युवा कुर्मी समाज के दुर्ग नगर अध्यक्ष अनिल देशमुख का कहना है कि छत्तीसगढ़ के नए आरक्षण विधेयक पर आज दिनांक तक राज्यपाल के द्वारा हस्ताक्षर न किए जाने से यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि, भाजपा के दबाव में विधेयक पर राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर नही किया जा रहा है। वर्तमान की भूपेश सरकार द्वारा जब अन्य पिछड़ा वर्ग ( OBC) आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ा कर 27 प्रतिशत कर दिया है, जो कि राज्य में निवासी आम जन मानस क हित व सभी समुदाय के भौगोलिक वातावरण के हिसाब से बहुत ही सुलझा हुआ ऐतिहासिक निर्णय है , जिसे पास करवाने के लिए राज्यपाल के हस्ताक्षर आवश्यक है।
प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगो की संख्या अधिक होने के अनुपात में नपे तुले व न्याय पूर्ण आरक्षण विधेयक का अब तक पास नही होना, किसी राजनैतिक षड्यंत्र के तहत सोच समझकर किया जा रहा है। राज्यपाल के इस रवैय्ये से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि, केंद्र की भाजपा सरकार राज्यपाल की शक्तियों का दुरूपयोग करते हुए छत्तीसगढ़ वासियो को उनके अधिकार से वंचित रखने का प्रयास कर रही है। भाजपा की आरक्षण विरोधी नीतियों के चलते भाजपा के दबाव में राज्यपाल द्वारा विधेयक पर दस्तखत नही किया जा रहा है।
उक्त विधेयक के पारित न होने से , राज्य में नए रोजगार के अवसर व रिक्त पदों में शासकीय भर्तियां नही हो पा रही है व नए रोजगार सृजन भी अवरुद्ध हो रहा है।
जैसा कि भाजपा की मोदी सरकार ने प्रतिवर्ष 2 करोड़ रोजगार का वादा किया था उसे आज तक पूर्ण नही किया, लेकिन छत्तीसगढ़ जहां बेरोजगारी दर सबसे कम है वहां की भूपेश सरकार द्वारा जो नए रोजगार व भारतीयां की जा रही है । उसे भाजपाइयों के दबाव में अटकाकर आरक्षण विरोधी नीति अपना रही है जो सभी वर्गों के साथ अन्याय है ,जिसका भी हम पुरजोर विरोध करेंगे।
दिल्लीवार युवा कुर्मी समाज के अध्यक्ष अनिल देशमुख ने आगे कहा की राज्यपाल द्वारा आरक्षण विधेयक पास न होने से भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर हो रहा है। उक्त विधेयक पर दस्तखत नही होने पर सोमवार दिनांक 19 दिसम्बर 2022 को, दिल्लीवार युवा कुर्मी समाज दुर्ग की नगर इकाई के पदाधिकारी द्वारा राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर, उनसे विधेयक पर हस्ताक्षर की मांग करेंगे व 7 दिवसों में आरक्षण विधेयक पास नही होने पर जन आंदोलन जैसा बड़ा कदम उठाएंगे।
