Dhaara News

हार्वेस्टिंग इनोवेशन: Right to Excellence Agritech Summit 2023 के लिए धानुका एग्रीटेक ने The Times Of India के साथ की साझेदारी

इंडिया के कृषि क्षेत्र में कई समस्याओं का सामना हो रहा है। किसानों की कम आमदनी, जमीन का छोटे-छोटे टुकड़ों का स्वामित्व और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव इनमें से कुछ हैं। किसान बेहतर रास्ते, ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचने और अपनी कमाई में सुधार के लिए एग्री-टेक की मदद से खेती को आधुनिक बना रहे हैं। खेती के नए तरीकों, उर्वरकों, कीटनाशकों, खाद, ड्रोन और सिंचाई के तरीकों आदि के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए धानुका एग्रीटेक काम कर रहा है।

भारत में कृषि क्षेत्र को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे किसानों की कम आमदनी, जमीन का छोटे-छोटे टुकड़ों का स्वामित्व और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव। इन चुनौतियों के चलते ही किसान उत्पादन बढ़ाने, उपज को बेचने के लिए बेहतर रास्ते तलाशने, ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचने और अपनी कमाई में सुधार करने के लिए नए-नए तरीके खोज रहे हैं। खेती को एग्री-टेक की मदद से आधुनिक बनाना ही कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ने का रास्ता है। हालांकि बहुत से किसान अभी भी खेती के लिए पुराने तरीके अपना रहे हैं जिससे यह साफ है कि किसानों द्वारा नई तकनीकों को अपनाने तक का रास्ता अभी काफी लंबा है। धानुका एग्रीटेक भारत के किसानों को सशक्त बनाने और उनके भविष्य को संवारने के लिए लगातार काम कर रहा है। इनका उद्देश्य खेती के क्षेत्र में नई तकनीक के जरिए भारत को एक नई दिशा देना है। इस कंपनी ने किसानों को खेती के नए तरीकों, उपज को बढ़ाने और उसके वाजिब मूल्य के बारे में शिक्षित करने के लिए नवभारत टाइम्स के साथ साझेदारी की है।

हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाया जाता है। ऐसे में धानुका, द टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ पाटर्नशिप कर Right to Excellence Agritech Summit 2023 का आयोजन कर रहा है जिसमें इंडस्ट्री के कई लीडर, एक्सपर्ट और पॉलिसी मेकर एक मंच पर किसानों की बेहतरी के लिए एग्री-टेक के भविष्य पर चर्चा करेंगे। इस समिट का आगाज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कैलाश चौधरी और इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष व Amul के पूर्व MD डॉ. आर.एस. सोढी अपने भाषण से करेंगे।

इस समिट में राजस्थान के लीलावाली की सरपंच वसुंधरा चौधरी; ग्लोबल एनर्जी अलायंस फॉर पीपल एंड प्लैनेट के डायरेक्टर उमंग माहेश्वरी; वाइस प्रेसिडेंट एंड फूड सिक्योरिटी, एग्री बिजनेस , पॉलिसिस एंड प्रोजेक्ट- यूपीएल लिमिटेड के हेड विजय सरदाना; गोविंदा राजुलु चिंताला, चेयरमैन (रिटायर्ड), नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड); डॉ. राकेश शारदा, प्रिंसिपल साइंटिस्ट (प्लास्टिकल्चर), पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी; डॉ. आरसी अग्रवाल, डिप्टी डायरेक्टर जनरल, इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च; ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ फेम एक्टर राजेश कुमार; फजर सुबकी, पर्सनल असिस्टेंट टू ट्रेड अटैच ऑफिस ऑफ इंडोनेशियाई एम्बेसी; रिकार्डो डैनियल डेलगाडो मुनोज, हेड ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स एंड कमर्शियल प्रमोशन, एम्बेसी ऑफ मेक्सिको; डॉ शोभना कुमार पट्टनायक, फार्मर सेक्रेटरी , डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर, कॉरपोरेशन एंड फार्मर वेलफेयर मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर; आनंद रामनाथन, पार्टनर, कंज्यूमर इंडस्ट्री लीडर, कंसल्टिंग परामर्श, डेलॉइट इंडिया; शरत लोगनाथन, को-फाउंडर, निंजाकार्ट; वरुण खुराना, फाउंडर, ओटीपी; विजेंदर सिंह, इंडियन प्रो बॉक्सर जैसे नामी लोग भी शिरकत करते नजर आएंगे।

इंडिया का प्रणाम, हर किसान के नामधानुका ने दिल को छू लेने वाला एक अभियान ‘इंडिया का प्रणाम, हर किसान के नाम’ शुरू किया है। यह कैम्पेन हर उस किसान को प्रणाम करता है जिसने अपनी कड़ी मेहनत, लगन और समर्पण से भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया और यह भी सुनिश्चित किया कि हर पेट भरा रहे। धानुका छोटे से लेकर बड़े किसानों तक पहुंच रहा है और उन्हें नए उर्वरकों, कीटनाशकों, खाद, ड्रोन और सिंचाई के तरीकों आदि के बारे में जागरूक कर रहा है। यहां तक कि धानुका ने हरियाणा के पलवल में Dhanuka Agriculture Training and Research Centre भी स्थापित किया है जिसका मकसद देश के हर किसान की खेती से जुड़ी समस्याओं का कृषि वैज्ञानिकों के जरिए समाधान ढूंढकर उपयुक्त सहायता उपलब्ध कराना है। इस कंपनी ने किसानों की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए कई पहल शुरू की हैं। जैसे राजस्थान में बारिश का पानी जमा करने के लिए 5 चेक डैम और पीने का साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए एक ‘कम्यूनिटी वाटर सेंटर’ बनाना। साथ ही, उन्होंने किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए बीकानेर (राजस्थान), भोपाल (मध्य प्रदेश), होशियारपुर (पंजाब), शाहजहांपुर (यूपी), रायपुर (छत्तीसगढ़) और मोतिहारी (बिहार) सहित देश के तमाम हिस्सों में विभिन्न ‘कृषक गोष्ठी’ का आयोजन भी किया है।

यह ब्रांड खेती के सही तरीकों को बढ़ावा देता है और कृषि के तमाम हिस्सों को बेहतर और अधिक कुशल बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है। साथ ही यह वेस्ट और उससे हो सकने वाले पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हुए संपूर्ण रूप से खेती की दक्षता, उत्पादकता और स्थिरताको बढ़ाता है। कृषि के ये आधुनिक तौर-तरीके किसानों को यह सुविधा देते हैं कि वे सटीक और विस्तृत जानकारी के आधार पर बेहतर फैसले करें, जिससे वे अधिक आर्थिक मुनाफा भी कमा सकें।

धानुका ग्रुप के चेयरमैन आर. जी. अग्रवाल का मानना है कि आने वाले वर्षों में भारतीय किसान देश की अर्थव्यवस्था में और अधिक योगदान करेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम नेशनल फूड सिक्योरिटी (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा) सुनिश्चित करने के लिए किसानों का समर्थन करने के साथ-साथ उन्हें शिक्षित करने और उनके साथ नई तकनीक साझा करने में विश्वास करते हैं, ताकि आज के किसान कल के एग्रीकल्चर लीडर बन सकें।

भारत 23 दिसंबर को किसान दिवस का जश्न मना रहा है, ऐसे में यह बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम राष्ट्र निर्माण में हर किसान के योगदान की सराहना करें और उस पर बात करें। साथ ही, यह हमारी जिम्मेदारी भी है कि हम पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए खेती के सही और सुरक्षित तरीकों को बढ़ावा दें, ताकि कृषि और किसान का भविष्य बेहतर हो सके। नवभारत टाइम्स के साथ मिलकर धानुका एग्रीटेक, फार्मिंग कम्यूनिटी के लिए काम करने के साथ-साथ उन ‘अन्नदाताओं’ को प्रणाम कर रहा है, जो पूरे साल हमारा पेट भरने के लिए खेतों में कड़ी मेहनत करते हैं।

dhaaranews
Author: dhaaranews

Facebook
Twitter
WhatsApp
Reddit
Telegram

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमसे जुड़े

Weather Forecast

DELHI WEATHER

Gold & Silver Price

पंचांग