एमपी न्यूजः मध्य प्रदेश की कोर्ट भी बदलते समय के साथ स्मार्ट हो गई है। यहां भी टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा। अब चाहे बड़ी हो या छोटी सभी अदालतों में होने वाली हियरिंग की लाइव स्ट्रीमिंग होगी। एमपी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलमथ ने इसकी शुरूआत की।
जबलपुरः मध्यप्रदेश के चीफ जस्टिस रवि मलिमथ ने एमपी हाईकोर्ट में आम नागरिकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए एडवांस टेक्नोलॉजी की व्यवस्थाओं का शुभारंभ किया। जबलपुर हाई कोर्ट में वीडियो निगरानी प्रणाली (वीएमएस) और कोर्ट रूम लाइव ऑडियो विजुअल स्ट्रीमिंग सिस्टम-क्लास प्रोजेक्ट स्टार्ट किया गया है। डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट के सेंट्रलाईज्ड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में हाई कोर्ट चीफ जस्टिस और उच्च न्यायालय एवं जिला न्यायालय, जबलपुर के अधिकारी उपस्थित थे।
मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य हो गया है। जहां पर पहली बार किसी राज्य के हाई कोर्ट ने स्टेट के सभी जिला और तहसील अदालतों के लिए कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की है। सुरक्षित अदालत परिसरों की ओर बढ़ते हुए हाईकोर्ट ने एकीकृत वीडियो निगरानी प्रणाली (आईवीएसएस) और कोर्ट रूम लाइव ऑडियो विजुअल स्ट्रीमिंग सिस्टम (क्लास) शुरू की है।
210 कोर्ट रूम की होगी लाइव स्ट्रीमिंग
यह अपने आप में देश की एक एडवांस प्रोजेक्ट है जो पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों को अपनाती है। एमपी हाईकोर्ट ने जिम्मेदार नेतृत्व का प्रदर्शन करते हुए अन्य अदालतों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह भारतीय न्यायिक प्रणाली के इतिहास में एक अग्रणी तकनीकी परियोजना है जो हाईकोर्ट के प्रशासित अदालत परिसर को सुरक्षित और पारदर्शी बनाएगी।
डिजिटल युग के लिए कोर्ट को तैयार करना
नई टेक्नोलॉजी को अपनाने और उनका एकीकरण मध्य प्रदेश न्यायपालिका को डिजिटल युग के लिए तैयार करेगा। काफी समय से कोर्ट एरियाय को सेफ बनाने को लेकर मांग उठती रही है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान कई बार ऐसी घटनाएं हुई हैं जिससे वहां की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए है। जज वकील, कोर्ट में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ ही सुनवाई में आए लोगों की सुरक्षा पर सेंध लगी है। ऑनलाइन हियरिंग होने से सभी पक्षों को सुनवाई देखने का मौका मिलेगा।