गुलाब देशमुख @ भिलाई
अंततः उस मामले का खुलासा हो गया जिसका इंतजार दुर्ग पुलिस दिवाली के दिन से कर रही थी।
जी हां ग्राम रुदा में हुए समीर साहू नामक बालक की हत्या उसके ही नाबालिक दोस्तों ने मिलकर कर दी थी जिसका खुलासा आज अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय भिलाई में एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया।
आपको बता दें कि इस सनसनीखेज घटना को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग बीएन मीणा के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव ने घटना का खुलासा किया। एसपी ने आवश्यक निर्देश देते हुए एएसपी ग्रामीण अनंत साहू, नगर पुलिस अधीक्षक छावनी प्रभात कुमार, एसडीओपी पाटन देवांश राठौर, उप पुलिस अधीक्षक क्राइम नसर सिद्दीकी के मार्गदर्शन में एसीसीयू प्रभारी संतोष मिश्रा, थाना प्रभारी अंडा एपी ध्रुव के नेतृत्व में टीम गठित कर आरोपियों की पतासाजी कर गिरफ्तारी हेतु लगाया गया था।
विदित हो कि ग्राम रुदा में समीर साहू नामक बालक 21 तारीख को अचानक से गायब हो गया था पुलिस ने तत्काल गुमशुदगी दर्ज कर पड़ताल में लगी हुई थी। 24 तारीख दीपावली के दिन समीर की लाश नर्सरी में बरामद की गई थी। 16 दिन बाद उसके नाबालिक दोस्तों ने हत्या करना स्वीकार कर लिया।
दरअसल में उसके दोस्त पड़ोसी को फसाने के लिए सीताफल वाली कहानी भी रचे थे जिस में भी कुछ हद तक कामयाब भी हुए थे लेकिन कड़ी जुड़ नहीं पा रही थी तो दुबारा उसके दोस्त से कड़ी पूछताछ में सच्चाई उगल दी और साक्ष्य को बरामद कर लिया गया।
आखिर किस बात को लेकर हुई हत्या थी वह भी जाने
दरअसल में समीर कबड्डी में अच्छा खेलता था जो दोस्तों को नागवार गुजरता था लेकिन समीर गाली-गलौज भी करता था बच्चे फ्री फायर के भी शौकीन थे और उसके यार दोस्त कबाड़ी भी बेचते थे उसी पैसे से फ्री फायर में पैसा लगाते थे। जो उनके क्रिमिनल माइंड होने की अग्रसर होने का प्रमाण था। एक अपचारी बालक के अनुसार समीर दूसरे दोस्तों को चिढ़ाया करता था। जिससे 19 तारीख को ही उसके दो दोस्तों ने मारने की साजिश रच ली और 21 तारीख को इस घटना को सिर पर पत्थर मार कर, मुंह दबाकर, जान से मार कर नर्सरी में सुजा, बोरा और रस्सी ले कर घटना को अंजाम दिया। जो साक्ष्य पुलिस ने बरामद भी कर लिया है।
उसका एक दोस्त पुलिस को घुमाता रहा, बाद में खुद घूम गया
कबड्डी खेलने के बाद घर वापसी की मनगढ़ंत कहानी रच कर उसके दोस्त ने मामले को अलग ही रूप दे दिया था लोग तंत्र मंत्र से लेकर चारित्रिक घटनाओं को जोड़ कर देख रहे थे।पुलिस भी उन पर शक करने से चूक रही थी लेकिन अंतिम व्यक्ति वही था जिसने समीर को देखा था। एक सब्जी वाले के पास उनके माता-पिता भी थे जिन्होंने समीर को नहीं देखा जिसके चलते उसका दोस्त ही अंतिम संदेही था।
सीताफल वाली कहानी झूठी निकली
मीडिया में खबर प्रकाशित हो गई की सीताफल वाले के यहां तंत्र-मंत्र कर समीर की हत्या की गई है इस हत्या को उसके दोस्त ने देखा था ऐसी बातें प्रचारित हो गई उसका दोस्त जब घर चले गया तो हत्या को कैसे देख लिया यहीं पर पुलिस को उसके दोस्त पर शक हो गया फिर से कड़ी पूछताछ करने पर उसके दोस्त ने हत्या करना स्वीकार कर लिया और एक मित्र का भी हाथ होना बताया जिसे विधि के विरुद्ध संघर्षरत होना जानकर पुलिस ने विधिवत तरीके से गिरफ्तार किया है।
दोनों अपचारी बालक घटना के बाद एक दूसरे से बात नहीं किए
आपको बता दें कि इस हत्या में मोबाइल का उपयोग नहीं किया गया था जिसके चलते पुलिस के हाथ तकनीकी रूप से खाली थे।
घटना के बाद एक दूसरे से दोनों दोस्त बात भी नहीं की। जिससे लोगों को शक नहीं हो रहा था लेकिन अंडा थाना प्रभारी एपी ध्रुव के अनुसार अंतिम संदेही उसका मित्र ही था। जो सही चीज नहीं बता रहा था, कल रात में भी उसने पुलिस को गुमराह किया लेकिन अंततः खुद पुलिस के बुने जाल में फस गया। घटना कैसे किया और उपयोग किए गए साक्ष्य की विस्तृत जानकारी पुलिस को दे दी।
इस मामले में अंडा थाना प्रभारी सहित सहायक उप निरीक्षक सुंदरलाल नेताम, दिनेश वर्मा, झग्गर सिंह टंडन, चंद्रशेखर सोनी, महिला प्रधान आरक्षक जेस्मिका, प्रधान आरक्षक कमलेश साहू, धन्नू राम, आरक्षक अजय ढीमर, रामेश्वर कोमा, हिम्मत सिंह, भवानी जगत, आरक्षक तृप्ति धुर्वे, एंटी क्राइम एवं साइबर यूनिट के पूर्ण बहादुर, शमित मिश्रा, प्रधान आरक्षक चंद्रशेखर बंजीर, रोमन सोनवानी, आरक्षक पंकज चतुर्वेदी, राजकुमार चंद्रा, अश्वनी यदु, जुगनू सिंह, शाहबाज खान, विक्रांत कुमार,अनूप शर्मा की उल्लेखनीय भूमिका रही