गुलाब देशमुख @ अंडा
दुर्ग जिले के अंडा थाना अंतर्गत ग्राम रुदा में हुए 11 वर्षीय समीर की हत्या में उसके दोस्तों का नाम सामने आ रहा है।
सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार उनके दोस्तों ने समीर को जान से मारने की प्लानिंग पहले ही कर ली गई थी उसके लिए बकायदा नायलॉन की रस्सी खरीदी गई थी।
आज एक प्रमुख समाचार पत्र में खबर छपी जाने पर लोगों ने पड़ोसी को अपराधी समझ लिया था लेकिन कहानी इसमें कुछ और ही निकल कर सामने आ रही है।
धारा न्यूज़ ने अपने सूत्रों के हवाले से खबर जुटाई है जिसमें कबड्डी खेलने के दौरान ही अपने दोस्तों से झगड़ा के बाद पूरे प्लानिंग के तहत घटना को अंजाम दिया जाना उनके दोस्तों ने इस बात को कबूल भी लिया है। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने सारे साक्ष्य जुटा लिए हैं जिसकी पुष्टि आज हो जाएगी। धारा न्यूज़ ने कुछ समय पहले थाना प्रभारी अंबिका प्रसाद ध्रुव से इस मामले पर संदेही के बारे में पूछा था तो उसके दोस्तों को ही अंतिम संदेही माना था जो अंततः सही निकला है। आपको बता दें कि 21 अक्टूबर की शाम से समीर अपने गांव और रूदा से अचानक गायब हो गया था रातों-रात पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट भी लिख ली थी और तहकीकात भी शुरू कर दी थी लेकिन 24 तारीख को नदी किनारे एक नर्सरी में समीर की डीकंपोज लाश मिली थी।
गांव के कई संदेहियों से पूछताछ की जा रही थी जिसमें कुछ निकल कर सामने नहीं आ रहा था और जांच की दिशा बार-बार दूसरी ओर मुड़ जा रही थी अंततः उसके नाबालिक दोस्त के खिलाफ सारे साक्ष्य जुटाए जा चुके हैं मामले का खुलासा भी आज हो जाएगा।
मामले में कई लोगों से हुई पूछताछ
शुरुआत में डॉग स्क्वाड की टीम फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम ने जांच की जिसमें सीताफल के लिए झगड़ा होना जैसी बातें सामने आ रही थी उनसे कई राउंड की पूछताछ भी हुई, जिसमें कड़ी नहीं जुड़ रही थी। गांव के शीतला मंदिर में भी ग्रामीणों की बैठक हुई जिसमें अपराध को कबूलने और अपराधी को गांव से आजीवन बहिष्कृत करने जैसी बात रखी गई थी। मोबाइल का उपयोग नहीं होने से पुलिस भी अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझा नहीं पा रही थी।
पुलिस ने अस्थाई थाना बनाकर भी रखा था
ग्राम रुदा में हुए अंधे गुत्थी वाले हत्याकांड के मामले में पुलिस ने तत्परता तो दिखाई लेकिन एक एंगल छूट रहा था किसी कारणवश जिसके वजह से पुलिस थाना को अस्थाई तौर पर कैंप लगाकर ग्राम के एक सामुदायिक भवन में ठहराया गया था ताकि कोई बात पता चले लेकिन अंततः गांव में पुलिस के प्रति रोष पैदा होने पर वहां से अस्थाई कैंप थाना लगभग 3 दिन पहले हटा लिया गया था।
गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी दिए थे सख्त निर्देश, भाजपाइयों ने पुतला भी जला दिया
इस घटना पर गृह मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक ताम्रध्वज साहू ने सख्त जांच के निर्देश दिए थे व कड़ी कार्रवाई की मांग उनके परिवार में भी की थी लेकिन पुलिस के हाथ कुछ नहीं लग रहा था और कड़ी नहीं जुड़ पा रही थी जिसके चलते मामले के खुलासे में लेटलतीफी हो रहा था। लगभग 3 दिन पहले भाजपाइयों ने इसी हत्याकांड को लेकर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का भी बस स्टैंड अंडा में पुतला जला दिया था मामले में राजनीति भी खूब हावी थी।