धारा न्यूज़ @ रायगढ़
प्रणय प्रस्ताव खारिज करने पर मरने-मारने की धमकी देते हुए एनटीपीसी लारा के अस्पताल की एक महिला स्वास्थ्य कर्मी को दुल्हन बनाने का दिवास्वप्न दिखाकर आबरू से खेलने के मामले में एम्बुलेंस के हेल्फर को स्पेशल कोर्ट ने 10 बरस जेल में रहने की सजा सुनाई। साथ ही 6 हजार रूपये के अर्थदंड़ से भी दंडित किया है।
न्यायालय सूत्रों के अनुसार बरमकेला थाना क्षेत्र के ग्राम सकरतुंगा निवासी अरूण कुमार भोय एनटीपीसी लारा के अस्पताल में एम्बुलेंस हेल्फर था। उसी अस्पताल में नर्स के पद पर कार्यरत एक युवती की खुबसूरती पर वह मोहित हो गया और अस्पताल के अपने दोस्तों को महिला स्वास्थ्य कर्मी के साथ शादी करने की बात करता था। एक रोज मौका देख अरुण ने अपना प्रणय प्रस्ताव दिया और युवती ने उसे खारिज कर दिया तो दिलजले अरुण ने युवती को उसके बगैर नहीं रह पाने का हवाला दिया।
यही नहीं अरुण ने उसे नहीं अपनाने की सूरत में युवती को जाने से मारने के बाद आत्महत्या कर लेने की धमकी देते हुए दुष्कर्म किया। इसके बाद अरुण फिर युवती का लगातार शारीरिक शोषण करता रहा। युवती ने जब शादी के लिये दबाव बनाना चाहा तो आरोपी ने शादी करने से इंकार करते हुए पल्ला झाड़ लिया। ऐसे में धोखेबाजी की शिकार युवती ने थाने की शरण लेते हुए आपबीती बताई तो पुलिस ने भादंवि की धारा 376 (एन), 506 बी के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए अरुण को गिरफ्तार कर केस डायरी न्यायालय में पेश किया।
वहीं विशेष न्यायाधीश जितेंद्र कुमार जैन ने इस मामले में सुनवाई करते आरोप प्रमाणित होने पर आरोपी को 10 साल की सजा सुनाते हुए 6 हजार रूपये के अर्थदंड़ से भी दंडित किया है। नियत समय मे अर्थदंड की राशि चुकता नहीं होने पर मुल्जिम को 18 रोज जेल में अतिरिक्त रहना होगा। इस केस में शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक हरिलाल पटेल ने की।