बिलासपुर। कोयला लेवी मामले में हाईकोर्ट ने कारोबारी रजनीकांत तिवारी को जमानत देने से इनकार कर दिया है। इस मामले में उनका भाई सूर्यकांत तिवारी व सौम्या चौरसिया सहित अन्य आरोपी भी अभी जेल में हैं। मालूम हो कि पूर्व में हाई कोर्ट ने अन्य आरोपियों की भी जमानत अर्जी स्वीकार नहीं की थी। याचिकाकर्ता की ओर से उनके अधिवक्ता ने कहा कि आवेदक पीएमएलए 2002 की धारा 45 के तहत दिए गए अपवादों के तहत लाभ का हकदार है। ऐसे में उसे जेल से बाहर आने की अनुमति मिलनी चाहिए।
जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की बेंच ने तर्क सुनने के बाद कहा कि प्रथम दृष्टि में आरोपी का जानबूझकर और सक्रिय रूप से जबरन वसूली रैकेट में भाग लेना और अवैध नगदी प्रबंधन करना दिखाई देता है। आवेदक ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा इकट्ठा किए गए सबूतों का खंडन नहीं किया है। अपराध की गंभीरता तथा गवाहों को प्रभावित करने की आशंका को देखते हुए अदालत जमानत याचिका याचिका खारिज करती है। ज्ञात हो कि ईडी ने जांच के बाद इनके खिलाफ लगाए गए आरोपों में कहा है कि छत्तीसगढ़ में कोयले के परिवहन करने के दौरान 25 रुपये प्रति टन की लेवी वसूलने के लिए वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों को शामिल करते हुए एक कार्टेल चला रहे थे। इन पर आईपीसी की धारा 186, 204, 353, 120बी, 384, धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 3 और 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है।