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प्रशासन के जिम्मेदार पद में बैठे रिसाली निगम आयुक्त शासन से ज्यादा ठेकेदार पर मेहरबान क्या जाएगी नौकरी….या…

गुलाब @ रिसाली

निगम प्रशासन की मेहरबानी इस तरह चल रही

खेला : रिसाली निगम में ऐसे चल रही है कमीशनखोरी शासन ने किया एकाउंट सीज तो रिश्तेदार को कर दिया लाखों रुपए का भुगतान

रिसाली निगम में कमीशनखोरी का खेल इस तरह चल रहा है। ब्लैक लिस्टेड ठेका एजेसी पीवी रमन का खाता शासन द्वारा सीज करने के बाद लाखों रुपए का भुगतान कर दिया गया। वह भी एजेंसी के खाते में नहीं बल्कि एजेंसी संचालक की रिश्तेदार के खाते में पैसे भेज दिए। निगम आयुक्त द्वारा किए गए इस भुगतान का मामला भी ठेकेदारों द्वारा उठाया गया है।

अलग अकाउंट नंबर में डाला गया पैसा नियम विरुद्ध हुआ भुगतान

सफाई ठेका एजेंसी पीवी रमन का एकाउंट नंबर जब निगम से ठेका कार्य लेने के दौरान रिसाली निगम को प्रस्तुत किया गया है उस समय खाता नंबर अन्य दिया गया था। निगम आयुक्त ने जिस एकाउंट नंबर पर लाखों रुपए का भुगतान किया है वह राधा रमन के नाम का है। जिसका एकाउंट नंबर दूसरा है।
जिस एकाउंट नंबर को ठेका लेने के समय रिसाली निगम प्रशासन को पेश किया उसे छत्तीसगढ़ शासन प्राविडेंट फंड विभाग ने सीज कर दिया। शासन द्वारा एकाउंट नंबर सीज कर देने का आशय ही यही है कि आगे का भुगतान संबंधित निगम द्वारा ठेकेदार को नहीं किया जाए। उसके बावजूद उनकी रिश्तेदार का खाता नंबर को मंगवाकर लाखों रुपए का भुगतान कर देने से यह साफ हो जाता है कि कमीशनखोरी और मिलीभगत का ही यह नतीजा है।

राष्ट्रीयकृत बैंक का भी नहीं है खाता

सात करोड़ की देनदारी पर निगम

पीवी रमन सफाई ठेका एजेंसी को रिसाली निगम ने 6 दिसंबर 2022 को सफाई ठेका का वर्क आर्डर जारी किया था। जिस समय इस ठेका एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड को वजह से निगम ने काम छीना उस समय तक ठेका श्रमिकों के पीएफ का करीब 7 करोड़ रुपए की देनदारी थी। यानी ठेका श्रमिकों की गाढ़ी कमाई का पैसा ठेका कंपनी ने किया उसके बाद भी रिसाली निगम प्रशासन ने इस गंभीर विषय को दरकिनार कर कंपनी को लाखों रुपए भुगतान कर मेहरबानी दिखाई।

जिस राधा रमन के बैंक खाते पर निगम आयुक्त राष्ट्रीयकृत बैंक भी नहीं है। मिलाई के प्रगति महिला नागरिक बैंक के एकाउंट नंबर पर यह भुगतान हुआ है। जो स्थानीय पंजीकृत बैंक है न कि राष्ट्रीयकृत बैंक है। 

निविदा निरस्त करवाने ठेकेदार पहुंचे

ब्लैक लिस्टेड पीवी रमन ठेका एजेंसी को बचाने का खेल रिसाली जिस में खूब चली। इस ठेका एजेंसी को अगस्त 2022 के पहले ही धमतरी निगम ने ब्लैक लिस्टेड घोषित किया था जबकि रिसाली निगम में दिसंबर 2022 को वर्क आर्डर जारी किया गया। एजेंसी में झूठा शपथ पत्र के आधार पर रिसाली निगम में काम लिया। विपक्ष द्वारा मामले को उजागर करने के बाद भी निगम प्रशासन व एमआईसी मेंबर बचाने में लगे रहे। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के निर्देश के बाद जांच कमेटी बैठी और कार्रवाई की गई 

रिसाली निगम में 93 कार्यों को निविदा में घालमेल करने के मामले में प्रभावित ठेकेदारों ने गुरुवार को निगम आयुक्त आशीष देवगन के चेंबर पहुंचे। ठेकेदारों ने आयुक्त से कहा कि यह निविदा निरस्त की जाए। इस दौरान आयुक्त ने पार्षदों द्वारा ठेके बेचने के बारे में भी जानकारी मांगी। पार्षदों द्वारा पांच प्रतिशत कमीशन लेकर उसे दूसरे को 10 प्रतिशत में बेचने का मामला इन दिनों गरमाया हुआ है।
प्रमुख समाचार पत्र के हवाले से निगम आयुक्त आशीष देवांगन से सवाल जवाब के अंश

सवाल:
आपने पीवी रमन ठेका एजेंसी के खाते सीज होने के बाद भी लाखों रुपए भुगतान कर दिया।

जवाब: पहली बात मुझे एजेंसी की खाता सीज करने को जानकारी नहीं की गई।
सवाल:  क्या किसी एजेंसी का भुगतान उनके रिश्तेदार के खाते मे करने का नियम है।
जवाब:
हमने एजेंसी से शपथ पत्र लिया है। जिसमें ठेका एजेंसी पीवीरमन व राधारमन के नाम का ज्वाइंट एकाउंट दिया गया है। जिसमे हमने भुगतान भेजा।

सवाल: आप पर ठेकेदारों द्वारा निविदा गुपचुप तरीके से बांटने का आरोप है और इसकी शिकायत भी उच्च स्तर पर को गई है।

जवाब: कोई भी निविदा गुपचुप तरीके से नहीं दी जा सकती। इसलिए यह कहना कि मिलीभगत से ठेका दिए गए। उनका ऐसा आरोप बेबुनियाद है।

झूठा शपथ पत्र के लिए होनी थी एफआईआर, लेकिन शपथ पत्र लेकर हो गया भुगतान

बहरहाल निगम आयुक्त आशीष देवांगन सवालों के घेरे में है। महापौर परिषद में ठेका एजेंसी पीवी रमन के खिलाफ झूठा शपथ देने के मामले पर एफ आई आर किया जाना था। लेकिन अभी तक किसके दबाव में उक्त एजेंसी पर एफआईआर की कार्रवाई नहीं की गई है यह भी बड़ा सवाल है। तो वही जिस ठेका एजेंसी पर झूठा शपथ पत्र देने का मामला हो उसे फिर से पुनः शपथ पत्र लेकर दूसरे खाते में कैसे पैसा डाला जा सकता है। ऐसे में निगम आयुक्त आशीष देवांगन की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है या किसी बड़े ओहदे वाले व्यक्ति का आशीर्वाद प्राप्त है। नगर निगम कानून विशेषज्ञ के मुताबिक इस मामले पर आशीष देवांगन की नौकरी जा सकती है लेकिन क्या कोई कार्रवाई होगी या पूर्व की भांति इस बार भी इन्हें बचा लिया जाएगा।

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Author: dhaaranews

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