धमतरी। प्रदेश में ठंड ने दस्तक दे दी है. दिन की शुरुआत को जनता से रिश्ता के पाठक धमतरी निवासी अशोक खंडेलवाल ने भेजा है. उस उगते सूरज की सुंदरता को सोशल मीडिया में साझा करते राजनीतिक संपादक ज़ाकिर घुरसेना ने फेसबुक में पोस्ट कर लिखा है…
बड़े सबेरे मुर्गा बोला, चिड़ियों ने अपना मुंह खोला आसमान पर लगा चमकने, लाल लाल सोने का गोला। कुदरत ने कायनात बनाई उसका बनाया हर चीज इंसान के फायदे के लिए है बशर्ते वह उसका उपभोग और उपयोग एक दायरे मे करे। बहरहाल बात हम उगते सूरज की खूबसूरत तस्वीर देखने पर कर रहे हैं। जिसे धमतरी वाले भैया श्री अशोक खंडेलवाल जी ने अपने मोबाईल के कैमरे से क्लिक किया है। वैसे उगते और डूबते दोनों वक्त की तस्वीर बहुत ही सुन्दर होता है। सुबह के वक्त ही रिज्क का बटवारा भी होता है। मुस्लिम भाई सुबह फजर के वक्त उठने और हिंदू भाई ब्रम्ह मुहूर्त में उठने को अच्छा मानते हैं। दोनों वक्त समान है।और सुबह उठने के बेशुमार फायदे भी हैं। सूरज के निकलने के बाद इंसान ही नही चरिंद परिंद और अन्य जीव जंतुओं की दिनचर्या शुरु हो जाती है, सब अपने अपने कामों में व्यस्त हो जाते हैं। कहते हैं सूरज भी एक तारा है और कई तारे सूरज की रौशनी से ही चमकते हैं। कल्पना कीजिए यदि सूरज न होता तो सब तरफ़ अंधेरा ही अंधेरा रहता, दिन और रात के बारे में सोच भी नही सकते थे। बहरहाल अशोक भैया ने बीते दिनों की याद ताजा कर दिए हैं। हम स्कूल में एक कविता पढ़ते थे –
बड़े सबेरे मुर्गा बोला, चिड़ियों ने अपना मुंह खोला, आसमान पर लगा चमकने, लाल लाल सोने का गोला, ठंडी हवा बही सुखदाई, सब बोले दिन निकला भाई।
और कुदरत का शुक्र अदा करने वाला कविता भी पढ़ते थे –
जिसने सूरज चांद बनाया, जिसने तारों को चमकाया, जिसने फूलों को महकाया, जिसने चिड़ियों को चहकाया, जिसने सारा जगत बनाया, हम उस ईश्वर के गुण गायें, सदा प्रेम से शीश झुकाएं।
बेशक अल्लाह हर चीज़ पर कुदरत रखता है।